
मुख्यमंत्री ने परिवार को ढांढस बंधाया, आतंकवादियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी सजा दिलाने का संकल्प लिया
कानपुर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में शहीद हुए कानपुर के युवा शुभम द्विवेदी का गुरुवार को ड्योढ़ी घाट पर हजारों शोकाकुल लोगों की उपस्थिति में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कानपुर पहुंचकर शहीद शुभम को भावभीनी अंतिम विदाई दी और उनके परिवार को सांत्वना दी।
गुरुवार की सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधे शुभम द्विवेदी के हाथीपुर स्थित आवास पर पहुंचे। वहां उन्होंने शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने शुभम के पिता से बातचीत की और उनकी नवविवाहित पत्नी से दुखद घटना की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है।
मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहलगाम में हुई आतंकी घटना को क्रूर, वीभत्स और कायराना कृत्य बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि आतंकवाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने शहीद के परिवार सहित पूरे प्रदेश और देश के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार आतंकवाद और उग्रवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर दृढ़ता से काम कर रही है और जिन लोगों ने इस घिनौनी घटना को अंजाम दिया है, उनके विषैले फनों को पूरी शक्ति से कुचल दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “जो लोग इस साजिश का हिस्सा बने हैं, उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे और आप सभी इसके साक्षी बनेंगे।” उन्होंने हिंदू माताओं और बहनों के साथ हुई बर्बरता का उल्लेख करते हुए कहा कि आतंकवादियों और उनके आकाओं को इस जघन्य अपराध की सजा अवश्य मिलेगी, इसमें किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, मंत्री राकेश सचान, सांसद रमेश अवस्थी, राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल सहित कई विधायक और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
आतंक के ताबूत में अंतिम कील ठोकने की शुरुआत:
शुभम द्विवेदी के परिजनों को सांत्वना देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ आतंकी हमला एक क्रूर, वीभत्स और कायराना कृत्य है, जिसकी न केवल भारत बल्कि दुनिया के हर सभ्य समाज ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि निर्दोष पर्यटकों पर उनकी जाति और धर्म पूछकर हमला किया गया और बहनों-बेटियों के सामने उनके सिंदूर को उजाड़ा गया, जिसे कोई भी सभ्य समाज स्वीकार नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की आतंकवाद और उग्रवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति प्रभावी ढंग से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि इसके ताबूत में अंतिम कील ठोकने की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में इस संबंध में कड़े निर्णय लिए गए हैं। गृह मंत्री ने स्वयं उन क्षेत्रों का दौरा किया है जहां यह दुखद घटना घटी है। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति के साथ, आतंकवाद और उग्रवाद के खात्मे के लिए अब पूरा भारत एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने देशवासियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास रखने का आग्रह किया।
डबल इंजन सरकार आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस पर कायम:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शहीद शुभम द्विवेदी अपने परिवार का एकमात्र पुत्र था और दो महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस अमानवीय और बर्बर कृत्य की पूरे देश ने निंदा की है।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि डबल इंजन की सरकार (केंद्र और राज्य सरकार) पूरी तरह से शुभम के परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह डबल इंजन की सरकार किसी भी बर्बर और अमानवीय आतंकी घटना को लेकर ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर काम करना जानती है। यह वह सरकार नहीं है जो आतंकवादियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेती हो या वहां भी अपने वोट बैंक को देखती हो।
सीएम योगी ने परिवार के साथ बांटा दुख:
गौरतलब है कि शहीद शुभम द्विवेदी का पार्थिव शरीर बुधवार रात को लखनऊ और फिर देर रात कानपुर पहुंचा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शुभम का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किए जाने की व्यवस्था की गई थी। इस दुख की घड़ी में मुख्यमंत्री स्वयं परिवार के लोगों का दुख-दर्द बांटने पहुंचे। उन्होंने शुभम के पिता और पत्नी से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनकी आपबीती सुनी। शुभम का विवाह मात्र दो महीने पहले ही हुआ था, जिससे पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।