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नई दिल्ली/श्रीनगर: आतंकवाद के खिलाफ भारत के हालिया सफल अभियान, ऑपरेशन सिंदूर, ने न केवल दुश्मन के ठिकानों को ध्वस्त किया, बल्कि इस मिशन में भारतीय सशस्त्र बलों की महिला अधिकारियों की महत्वपूर्ण और निर्णायक भागीदारी को भी उजागर किया। इनमें से एक प्रमुख नाम है भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जो अपनी बहादुरी, नेतृत्व क्षमता और पेशेवर कौशल के कारण अब प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं।

ऑपरेशन सिंदूर में निभाई अहम भूमिका:
पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के बाद भारत ने त्वरित और प्रभावी जवाबी कार्रवाई करते हुए “ऑपरेशन सिंदूर” को अंजाम दिया। इस संयुक्त सैन्य अभियान में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के समन्वय से पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित नौ आतंकवादी अड्डों को सफलतापूर्वक नष्ट किया गया। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ संयुक्त रूप से एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी साझा की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक महिला वायुसेना अधिकारी की उपस्थिति ऑपरेशन की योजना और निष्पादन में महिलाओं की बढ़ती और महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह: एक कुशल नेतृत्वकर्ता:
विंग कमांडर व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना की एक अत्यंत कुशल और साहसी अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में की और अपनी असाधारण नेतृत्व क्षमता और तकनीकी दक्षता के बल पर विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी पेशेवरता और समर्पण ने उन्हें वायुसेना में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है।

प्रशिक्षण और करियर की शुरुआत:
व्योमिका सिंह ने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में एक अधिकारी के रूप में कमीशन प्राप्त किया। उन्होंने 21वें एसएससी (महिला) फ्लाइंग पायलट कोर्स के तहत गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो विशेष रूप से महिला अधिकारियों के लिए डिज़ाइन किया गया एक शॉर्ट सर्विस कमीशन कार्यक्रम है। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और अपनी उड़ान कौशल का लोहा मनवाया।

हेलीकॉप्टर उड़ान में विशेषज्ञता:
अपने गौरवशाली सेवाकाल के दौरान, विंग कमांडर सिंह ने भारतीय वायुसेना के महत्वपूर्ण हेलीकॉप्टर बेड़े के अभिन्न अंग, चेतक हेलीकॉप्टर जैसे विमानों का सफलतापूर्वक संचालन किया है। चेतक हेलीकॉप्टर अपनी बहुमुखी क्षमताओं के लिए जाना जाता है – चाहे वह प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य हो, दुर्गम क्षेत्रों में खोज और बचाव अभियान हो, या फिर महत्वपूर्ण रणनीतिक मिशन हों। विंग कमांडर सिंह ने अपनी त्रुटिहीन उड़ान क्षमता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता से कई बार अपनी पेशेवर उत्कृष्टता साबित की है।

पदोन्नति और सम्मान:
18 दिसंबर 2017 को, अपनी सेवा के 13वें वर्ष में, उन्हें विंग कमांडर के प्रतिष्ठित पद पर पदोन्नत किया गया। यह पदोन्नति उनकी अटूट प्रतिबद्धता, अनुशासित कार्यशैली और उत्कृष्ट प्रदर्शन का जीवंत प्रमाण है। विंग कमांडर सिंह ने न केवल भारतीय वायुसेना में बल्कि पूरे सशस्त्र बलों में महिलाओं की बढ़ती हुई भूमिका और क्षमताओं को सशक्त रूप से प्रदर्शित किया है।

महिला शक्ति का प्रतीक:
विंग कमांडर व्योमिका सिंह जैसे अधिकारी भारतीय सैन्य शक्ति के उन मजबूत स्तंभों में से एक हैं, जो शांत और प्रभावी तरीके से हर चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। ऑपरेशन सिंदूर में उनकी सक्रिय और महत्वपूर्ण भागीदारी यह स्पष्ट संदेश देती है कि अब भारतीय महिलाएं न केवल सहायक भूमिकाओं तक सीमित हैं, बल्कि देश की रक्षा पंक्ति में निर्णायक और नेतृत्वकारी भूमिकाओं में भी अग्रणी हैं। उनकी बहादुरी और पेशेवरता युवा पीढ़ी की महिला अधिकारियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है और यह नए भारत की सशक्त नारी शक्ति का प्रतीक है।

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