by-Ravindra Sikarwar
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (9 जून, 2025) को दृढ़ता से कहा कि उनकी सरकार के 11 वर्षों के कार्यकाल में भारत न केवल दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और डिजिटल नवाचार जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर भी एक प्रमुख आवाज़ बनकर उभरा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सामूहिक सफलता पर गर्व का क्षण है, साथ ही विकसित भारत के निर्माण के लिए आशा, आत्मविश्वास और एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी है।
पिछले 11 वर्षों में महत्वपूर्ण बदलाव:
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में कई सकारात्मक बदलाव आए हैं, जिससे “ईज़ ऑफ लिविंग” (जीवन यापन में आसानी) को बढ़ावा मिला है। उनकी सरकार ने सोमवार को अपने तीसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा किया। यह मील का पत्थर भारत के आर्थिक विकास और वैश्विक मंच पर बढ़ती भूमिका को रेखांकित करता है।
सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व पर ज़ोर:
प्रधानमंत्री द्वारा साझा किए गए एक लिंक में बताया गया है कि वर्तमान केंद्रीय मंत्रियों में से 60 प्रतिशत मंत्री अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणियों से हैं। यह संदेश सरकार की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब कांग्रेस जैसे विपक्षी दल उसे इन वर्गों के हितों के खिलाफ काम करने वाला बता रहे हैं। यह भी बताया गया कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में इन हाशिए पर पड़े समूहों का यह अब तक का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व है। यह आंकड़े सरकार की समावेशी नीतियों और सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के प्रयासों को उजागर करते हैं।
आगे का रास्ता और भविष्य की आकांक्षाएं:
प्रधानमंत्री मोदी के बयानों से यह स्पष्ट है कि सरकार न केवल अपनी पिछली सफलताओं पर गर्व कर रही है, बल्कि भविष्य के लिए भी बड़े लक्ष्य निर्धारित कर रही है। विकसित भारत का निर्माण एक महत्वाकांक्षी विजन है जिसमें आर्थिक विकास, सामाजिक समानता और वैश्विक नेतृत्व शामिल है। आने वाले समय में सरकार की प्राथमिकताएं इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने पर केंद्रित रहेंगी, जिसमें निरंतर आर्थिक सुधार, सामाजिक सशक्तिकरण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग शामिल होगा।