नई दिल्ली: अगर आप सोशल मीडिया पर अपनी लग्जरी गाड़ियां, महंगे होटलों में पार्टियां और विदेशी ट्रिप्स की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए! अब आयकर विभाग (Income Tax Department) आपकी ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने वाला है। सरकार Income Tax Bill 2025 लाने की तैयारी कर रही है, जिसके तहत डिजिटल पेमेंट्स, ऑनलाइन इनकम और सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले खर्चों की गहन जांच की जाएगी। इस नए कानून के तहत आयकर अधिकारी आपके सोशल मीडिया पोस्ट्स, ईमेल, व्हाट्सएप चैट्स और डिजिटल लेन-देन की निगरानी कर सकेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपकी घोषित आय और लाइफस्टाइल में कोई विसंगति तो नहीं है।
कैसे बदलेगा इनकम टैक्स कानून?
भारत में कई लोग अपनी वास्तविक आय छुपाते हैं और टैक्स चोरी करते हैं। सरकार ने बैंकिंग लेन-देन और डिजिटल पेमेंट्स पर नियंत्रण बढ़ा दिया है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन कमाई और महंगे खर्चों की सही जानकारी अब भी टैक्स विभाग तक नहीं पहुंचती। Income Tax Bill 2025 में आयकर अधिनियम, 1961 (Income Tax Act, 1961) में बदलाव कर कई नए प्रावधान जोड़े जा रहे हैं।
अब आयकर विभाग को यह अधिकार होगा कि वह –
✅ सोशल मीडिया पोस्ट्स, व्हाट्सएप चैट्स और ईमेल्स की जांच कर सके
✅ बैंक ट्रांजैक्शंस और डिजिटल वॉलेट्स का विश्लेषण कर सके
✅ क्रिप्टो ट्रेडिंग और ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट्स पर विशेष नजर रख सके
सोशल मीडिया कैसे बनेगा सबूत?
आज के दौर में लोग महंगी गाड़ियां खरीदते हैं, विदेश यात्राएं करते हैं, क्रिप्टो में निवेश करते हैं और फिर सोशल मीडिया पर दिखावा भी करते हैं। लेकिन अगर उनकी आय कर रिटर्न (ITR) में यह सब दर्ज नहीं है, तो यह बड़ी मुश्किल बन सकता है।
- अगर कोई व्यक्ति सिर्फ ₹5 लाख सालाना आय दिखा रहा है, लेकिन इंस्टाग्राम पर हर हफ्ते महंगे रेस्टोरेंट्स और होटलों में पार्टी करता नजर आ रहा है…
- कोई व्यापारी ₹10 लाख का प्रॉफिट बताता है, लेकिन दुबई और स्विट्जरलैंड की तस्वीरें शेयर करता है…
- कोई व्यक्ति क्रिप्टो ट्रेडिंग से लाखों की कमाई कर रहा है, लेकिन उसे टैक्स रिटर्न में नहीं दिखा रहा…
तो अब आयकर विभाग इन डिजिटल गतिविधियों के आधार पर जांच करेगा और आय व खर्च में अंतर पाए जाने पर कार्रवाई की जा सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी पर खास नजर!
भारत में क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। 2022 में सरकार ने क्रिप्टो पर 30% टैक्स और 1% TDS लागू किया था, लेकिन लोग अब भी P2P (Peer-to-Peer) लेन-देन कर टैक्स चोरी कर रहे हैं। Income Tax Bill 2025 के तहत अब –
✅ क्रिप्टो एक्सचेंजों के डेटा की जांच होगी
✅ ब्लॉकचेन ट्रांजैक्शंस को ट्रैक किया जाएगा
✅ व्हाट्सएप और टेलीग्राम चैट्स की मदद से इन्वेस्टर्स की पहचान की जाएगी
क्या इनकम टैक्स अधिकारी मोबाइल और ईमेल तक पहुंच सकते हैं?
नए कानून की धारा 247 के तहत आयकर अधिकारी किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, क्लाउड स्टोरेज, ईमेल, व्हाट्सएप और टेलीग्राम डेटा तक पहुंच सकते हैं, यदि उन्हें टैक्स चोरी के सबूत मिलने की संभावना हो।
पहले से ही धारा 132 के तहत अधिकारी बैंक रिकॉर्ड्स और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों की जांच कर सकते थे, लेकिन अब इसमें डिजिटल वॉलेट्स, ERP सिस्टम और SaaS क्लाउड स्टोरेज को भी शामिल किया जाएगा।
आम करदाताओं पर असर?
✅ अगर आप अपनी आय सही तरीके से घोषित कर रहे हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं।
✅ अगर आप सोशल मीडिया पर महंगी लाइफस्टाइल दिखाते हैं, लेकिन टैक्स रिटर्न में कम आमदनी दिखाते हैं, तो जांच संभव है।
✅ क्रिप्टो या डिजिटल एसेट्स में निवेश कर टैक्स चोरी करने वालों की पहचान करना आसान होगा।
अब सिर्फ बैंक खातों पर नहीं, बल्कि सोशल मीडिया, व्हाट्सएप चैट्स, डिजिटल वॉलेट्स और ऑनलाइन गतिविधियों पर भी इनकम टैक्स विभाग की पैनी नजर होगी। इसलिए, अगर आपने अपनी आय सही तरीके से घोषित नहीं की है, तो संभल जाइए, क्योंकि अब टैक्स चोरी करना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल होने वाला है!