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नई दिल्ली: झारखंड के चाईबासा जिले की एमपी-एमएलए अदालत ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के एक मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने राहुल गांधी को 26 जून, 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है।

क्या है पूरा मामला?
यह मामला 2018 में कांग्रेस के पूर्ण सत्र के दौरान राहुल गांधी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ कथित तौर पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी से संबंधित है। इस टिप्पणी को लेकर भाजपा कार्यकर्ता प्रताप कटियार ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। कटियार ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की टिप्पणी अपमानजनक थी और इसने सभी भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान किया। उन्होंने 9 जुलाई, 2018 को चाईबासा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) अदालत में यह मामला दर्ज कराया था।

मामले का स्थानांतरण और अदालत की प्रक्रिया
झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद, यह मानहानि का मामला फरवरी 2020 में रांची स्थित एमपी-एमएलए अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके बाद, यह मामला फिर से चाईबासा में एमपी-एमएलए अदालत में वापस भेज दिया गया। चाईबासा कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को समन जारी किया था।

बार-बार समन के बावजूद गैर-हाजिरी
अदालत द्वारा बार-बार समन भेजे जाने के बावजूद राहुल गांधी अदालत में पेश नहीं हुए। शुरुआत में उनके खिलाफ एक जमानती वारंट जारी किया गया था। इस पर राहुल गांधी ने वारंट पर रोक लगाने की मांग करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय का रुख किया था। उनकी याचिका का निपटारा 20 मार्च, 2024 को किया गया था। बाद में रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए याचिका दायर की थी, जिसे चाईबासा कोर्ट ने भी खारिज कर दिया था।

न्यायालय ने मामले की गंभीरता और राहुल गांधी की लगातार अनुपस्थिति को देखते हुए अब उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, जिसमें उन्हें 26 जून, 2025 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।

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