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मुंबई के लीलावती कीर्तिलाल मेहता मेडिकल हॉस्पिटल (LKMM) के वर्तमान ट्रस्टियों ने घोटालों से सम्बंधित, अब तक के सबसे बड़े 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की कथित हेराफेरी के मामले को अंजाम देने का आरोप पूर्व ट्रस्टियों पर लगाया है। ट्रस्ट ने मामले से सम्बंधित प्रकरण में एफआईआर भी दर्ज करवाई है। अभी हाल ही में ट्रस्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी पत्र लिखकर धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामले की जांच करने की अपील की है।

बांद्रा मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के निर्देश पर बांद्रा पुलिस ने 6 मार्च को तीन निजी कंपनियों सहित ट्रस्ट के 14 पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया है।

आरोपी अब विदेशों में
ट्रस्ट के मौजूदा ट्रस्टियों का आरोप है कि अस्पताल से जुड़ी खरीदी में भारी मात्रा में धांधली कर पैसे का अवैध रूप से हेरफेर किया गया। ट्रस्ट के मौजूदा कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने कहा कि पूर्व ट्रस्टियों द्वारा ट्रस्ट के फंड से कई सौ करोड़ रुपये का गबन किया। आरोपी मामले को अंजाम देकर दुबई और बेल्जियम में बैठे हुए हैं।

एफआईआर में 3 निजी कंपनियों सहित 14 पूर्व ट्रस्टियों को नामजद किया गया है। आरोप है कि बीते 20 वर्षों में मेडिकल उपकरणों की खरीद-फरोख्त की आड़ में करोडो रुपये की हेराफेरी की गई। वही आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने लीलावती अस्पताल के तीन पूर्व ट्रस्टियों के खिलाफ दर्ज 85 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले की जांच शुरू कर दी है। अधिकारी ने बताया कि पिछले साल 30 दिसंबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया गया। बाद में अदालत के आदेश पर जांच के लिए मामला EOW को स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि इसी के आधार पर मामले की जांच शुरू की गई है।

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