
नई दिल्ली: ‘आर… राजकुमार’ और ‘जय हो’ जैसी लोकप्रिय फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले अभिनेता मुकुल देव का 54 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उनके आकस्मिक निधन की खबर से फिल्म और टेलीविजन इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। मुकुल देव ने शुक्रवार रात दिल्ली में अपनी अंतिम सांस ली।
अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल ने मुकुल देव के निधन की पुष्टि की है, जबकि विंदू दारा सिंह ने भी इस दुखद खबर को साझा किया है। बताया जा रहा है कि अभिनेता पिछले 10 दिनों से बीमार थे। उनके निधन के कारणों का अभी तक सटीक खुलासा नहीं हो पाया है। दिल्ली में आज शाम 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
एक बहुमुखी कलाकार का सफर
मुकुल देव एक मेहनती और बहुमुखी कलाकार थे, जिन्होंने अपने करियर में फिल्मों और टीवी शोज दोनों में अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने न केवल मुख्य भूमिकाओं में, बल्कि सहायक और नकारात्मक भूमिकाओं में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
मुकुल देव ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत साल 1996 में तनुजा चंद्रा के धारावाहिक ‘मुमकिन’ के साथ टेलीविजन इंडस्ट्री से की थी। इसी दौरान महेश भट्ट की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने उन्हें अपनी साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म ‘दस्तक’ (1996) में सुष्मिता सेन और शरद कपूर के साथ कास्ट किया। इस फिल्म में उनके काम को दर्शकों और समीक्षकों दोनों ने खूब सराहा, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
प्रमुख फिल्में और टीवी शोज:
मुकुल देव ने कई यादगार हिंदी फिल्मों में काम किया, जिनमें शामिल हैं:
- ‘इसकी टोपी उसके सर’
- ‘मेरे दो अनमोल रतन’
- ‘किला’
- ‘वजूद’
- ‘कोहराम’
- ‘इत्तेफाक’
- ‘मुझे मेरी बीवी से बचाओ’
- ‘यमला पगला दीवाना’
- ‘सन ऑफ सरदार’
- ‘आर… राजकुमार’
- ‘जय हो’
- ‘अंत द एंड’ (उनकी आखिरी हिंदी फिल्म)
फिल्मों के साथ-साथ, वह टेलीविजन पर भी सक्रिय रहे। उनके प्रमुख टीवी शोज में ‘घरवाली ऊपरवाली’, ‘एक टुकड़ा चांद का’, ‘कहीं दिया जले कहीं जिया’, ‘कुटुंब’, ‘भाभी’, ‘कशिश’, ‘कुमकुम-एक प्यारा सा बंधन’ और ‘शशश.. फिर कोई है’ शामिल हैं। उन्होंने लोकप्रिय रियलिटी शो ‘फियर फैक्टर इंडिया’ के पहले सीजन को होस्ट भी किया था।
क्षेत्रीय सिनेमा में भी पहचान
मुकुल देव ने 2003 में पंजाबी फिल्मों में कदम रखा और फिल्म ‘हवाएं’ में बब्बू मान और माही गिल के साथ काम किया। उन्होंने कई सफल पंजाबी फिल्में दीं, जिनमें ‘बुर्राह’, ‘हीर एंड हीरो’, ‘बाज’, ‘शरीक’, ‘इश्क विच: यू नेवर नो’, ‘साका: द मार्टर्स ऑफ ननकाना साहिब’, ‘जोरावर’, ‘जोरा 10 नंबरिया’, ‘डाका’, ‘साक’ और ‘सराभा: क्राई फॉर फ्रीडम’ प्रमुख हैं।
हिंदी और पंजाबी के अलावा, मुकुल देव ने बंगाली, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु सिनेमा में भी अपनी अभिनय प्रतिभा का प्रदर्शन किया। उनके भाई राहुल देव भी एक जाने-माने अभिनेता हैं।
मुकुल देव के निधन की खबर के बाद से सोशल मीडिया पर उनके साथी कलाकार और प्रशंसक उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। फिल्म इंडस्ट्री ने एक प्रतिभाशाली और समर्पित कलाकार को खो दिया है।