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Indore: दमोह के मिशनरी अस्पताल में सात लोगों की मौत के आरोपी फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम की गिरफ्तारी के बाद अब एक और नया खुलासा सामने आया है। इंदौर की एक रोजगार कंसल्टेंसी फर्म के निदेशक पंकज सोनी के अनुसार, कैम ने 2020, 2023 और 2024 में तीन बार नौकरी के लिए अपना बायोडाटा भेजा था।

पंकज सोनी ने बताया कि उनकी फर्म डॉक्टरों, नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मियों की भर्ती के लिए देश भर के अस्पतालों को सेवाएं प्रदान करती है। जब कैम का बायोडाटा आया, तो उन्हें इसमें कुछ असामान्य लगा, क्योंकि इसमें कैम ने खुद को कई विदेशी संस्थानों से जुड़ा हुआ अनुभवी कार्डियोलॉजिस्ट बताया था, और ऐसा दावा किया था कि उसने बड़ी संख्या में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसी सर्जरी की हैं।

2020 में, जब एक अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की आवश्यकता थी, तो कैम ने पहली बार आवेदन भेजा था। पंकज सोनी ने यह भी बताया कि बायोडाटा में कैम ने दावा किया था कि उसके पास डॉक्टरी की कई बड़ी डिग्रियां हैं और वह ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन और फ्रांस जैसे देशों के प्रतिष्ठित संस्थानों से जुड़ा हुआ है। साथ ही उसने 18,740 कोरोनरी एंजियोग्राफी और 14,236 कोरोनरी एंजियोप्लास्टी सर्जरी करने का दावा किया था। यह देखकर पंकज सोनी को हैरानी हुई कि एक ऐसा कार्डियोलॉजिस्ट जो विदेशों में काम कर चुका है, वह भारत के छोटे शहरों में नौकरी की तलाश क्यों कर रहा है।

इसके बाद, 2023 में कैम ने एक और आवेदन भेजा, जो बुरहानपुर के एक निजी अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट की भर्ती के लिए था। लेकिन वहां के अधिकारियों ने संदेह के आधार पर उसका आवेदन खारिज कर दिया। फिर, 2024 में कैम ने नौ पन्नों का विस्तृत बायोडाटा भेजा, जिसमें उसने अपना स्थायी पता ब्रिटेन के बर्मिंघम का बताया।

कैथ लैब सील, पुलिस हिरासत में आरोपी
दमोह के मिशनरी अस्पताल की कैथ लैब को प्रशासन ने गुरुवार को सील कर दिया। इसके बाद, दमोह के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. एम. के. जैन की शिकायत पर जालसाजी और गबन का मामला दर्ज कर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल आरोपी पुलिस हिरासत में है और मामले की जांच जारी है।

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