
मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच जल्द ही 700 किमी लंबा वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर बन जाएगा, जो उत्तर-मध्य भारत में सबसे बड़ा होगा। इस कॉरिडोर के निर्माण के साथ-साथ वाइल्ड लाइफ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। यह कॉरिडोर सवाई माधोपुर (राजस्थान) से लेकर मध्यप्रदेश के सागर जिले तक फैला होगा और इसमें रणथम्भौर, कूनो, माधव और पन्ना नेशनल पार्क एक दूसरे से जुड़ेंगे।
सागर जिले में प्रस्तावित डॉ. भीमराव अंबेडकर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का उद्घाटन आगामी 14 अप्रैल को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा किया जा सकता है। इसके बाद यह कॉरिडोर दो राज्यों के बीच से होकर जाएगा, जिससे पर्यटकों के लिए नए रास्ते खुलेंगे।
वाइल्ड लाइफ और पर्यटन में वृद्धि:
यह क्षेत्र वर्तमान में वन्य जीवों जैसे चीता, तेंदुआ और बाघ का आश्रय स्थल है। श्योपुर से लेकर पन्ना तक 483 किमी का क्षेत्र वन्य जीवों की विभिन्न प्रजातियों का घर है। साथ ही, यह क्षेत्र जयपुर से खजुराहो तक प्रस्तावित नेशनल टूरिस्ट सर्किट का भी हिस्सा बनेगा।
डॉ. अंबेडकर वाइल्ड लाइफ प्रोजेक्ट के तहत सागर वन मंडल में अब तक कुछ संशोधन किए गए हैं, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
पर्यटकों को आकर्षित करेगा टूरिस्ट सर्किट:
रणथम्भौर, कूनो, माधव और पन्ना टाइगर रिजर्व के बीच 179 से 304 किमी की सड़कें पहले से जुड़ी हैं। पन्ना से सागर तक का मार्ग लिंक होने से पर्यटकों की पहुंच सुलभ होगी। इसके परिणामस्वरूप उत्तर-मध्य भारत का सबसे बड़ा टाइगर कॉरिडोर तैयार हो जाएगा, जो पर्यटन के लिहाज से आकर्षण का केंद्र बनेगा।
वन्य जीवों की विविधता:
यह क्षेत्र पर्यटकों को कई आकर्षक वन्य जीवों का दर्शन कराएगा। रणथम्भौर में टाइगर, कूनो में चीता, माधव और पन्ना में टाइगर, साथ ही तेंदुआ, काला हिरण, भालू, लकड़बग्घा, चीतल, चिंकारा जैसे अन्य जीवों का भी आस्था स्थल होगा। चंबल सेंचुरी में पर्यटक घड़ियाल और गंगा डॉल्फिन भी देख सकेंगे।
वृद्धि होती वाइल्ड लाइफ टूरिज्म की आय:
मध्यप्रदेश में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म लगातार बढ़ रहा है। 2013-14 में 10.9 लाख पर्यटकों से 2068.29 लाख रुपए की आय हुई थी, जो 2022-23 में बढ़कर 26.49 लाख पर्यटकों से 5565.33 लाख रुपए तक पहुँच गई। वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 19.91 लाख पर्यटकों से 4206.47 लाख रुपए रहा और 2024-25 में यह संख्या 25-30 लाख पर्यटकों तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन में योगदान:
वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर सागर वन मंडल में डॉ. अंबेडकर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का प्रस्ताव संशोधित कर भेजा गया है, जिससे वाइल्ड लाइफ के संरक्षण के लिए इंटरलिंक कॉरिडोर बनेगा। इस पहल से पर्यटकों की संख्या में निश्चित रूप से वृद्धि होगी।