by-Ravindra Sikarwar
मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों – भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर – में अतिरिक्त हाई-टेंशन (EHT) बिजली लाइनों के बेहद करीब 2,300 से अधिक अनाधिकृत संरचनाएँ, जिनमें घर, दुकानें और अन्य इमारतें शामिल हैं, खड़ी कर दी गई हैं। मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (MPPTCL) के अनुसार, ये निर्माण सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करते हैं और बिजली के झटके तथा बिजली आपूर्ति में बाधा का एक गंभीर जोखिम पैदा कर रहे हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है।
विशिष्ट जोखिम और चिंताएँ:
इन अवैध निर्माणों से कई तरह के गंभीर खतरे उत्पन्न हो रहे हैं:
- बिजली के झटके (Electrocution): EHT लाइनों के प्रेरण क्षेत्र (induction zone) के भीतर बने निर्माण निवासियों और श्रमिकों के लिए आकस्मिक बिजली के झटके के जोखिम को काफी बढ़ा देते हैं। जरा सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है।
- बिजली आपूर्ति में व्यवधान (Power Disruptions): अनाधिकृत संरचनाएँ बिजली लाइनों में हस्तक्षेप कर सकती हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट, बिजली कटौती और बिजली के उपकरणों को नुकसान हो सकता है। यह न केवल आम जनता के लिए असुविधा का कारण बनता है बल्कि महत्वपूर्ण सेवाओं को भी बाधित कर सकता है।
- रखरखाव संबंधी समस्याएँ (Maintenance Issues): ये निर्माण बिजली लाइनों के नियमित रखरखाव और आपातकालीन मरम्मत में बाधा डालते हैं। इससे बिजली कटौती के बाद आपूर्ति बहाल करने में देरी हो सकती है, जिससे बड़े पैमाने पर परेशानी बढ़ जाती है।
- अवैध निर्माण (Illegal Construction): बिजली लाइनों के सुरक्षा क्षेत्र के भीतर निर्माण करना नियमों का उल्लंघन है और इससे कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसमें अनाधिकृत संरचनाओं का विध्वंस भी शामिल है।
घटनाओं के उदाहरण और की गई कार्रवाई:
MPPTCL और जिला प्रशासन द्वारा इन खतरों के कई उदाहरण सामने आए हैं, जिन पर कार्रवाई भी की गई है:
- इंदौर: टी एंड डी इंडिया के अनुसार, इंदौर में EHT लाइनों के पास सैकड़ों घर बनाए गए हैं। MPPTCL ने पिछले तीन वर्षों में ऐसे निर्माणों के संबंध में 892 नोटिस जारी किए हैं।
- बिजली के झटके की घटनाएँ: फ्री प्रेस जर्नल के अनुसार, खजराना में एक मजदूर टिन शेड लगाते समय बिजली के झटके से गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसी तरह, भोपाल में एक निर्माण श्रमिक बिजली दुर्घटना के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया।
- जबलपुर: जबलपुर में एक हाइवा ट्रक कम लटकते केबल से टकरा गया, जिसने बिजली लाइनों के पास संरचनाओं के खतरे को उजागर किया।
- विध्वंस अभियान: MPPTCL ने अनाधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए जिला प्रशासन के साथ संयुक्त अभियान चलाए हैं। टी एंड डी इंडिया का कहना है कि भोपाल के शारदा नगर में कई अनाधिकृत इमारतों को गिरा दिया गया, क्योंकि निवासियों ने नोटिस को नज़रअंदाज़ कर दिया था।
समस्या का समाधान कैसे हो रहा है?
MPPTCL इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रहा है:
- जन जागरूकता (Public Awareness): MPPTCL बिजली लाइनों के पास निर्माण के खतरों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए अभियान चला रहा है। लोगों को इन जोखिमों के बारे में जागरूक करना पहली प्राथमिकता है।
- प्रवर्तन (Enforcement): अधिकारी अनाधिकृत निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहे हैं, जिसमें नोटिस जारी करना, जुर्माना लगाना और अवैध संरचनाओं को ध्वस्त करना शामिल है।
- ड्रोन निगरानी (Drone Surveillance): MPPTCL EHT लाइनों की गश्त और अनाधिकृत निर्माण सहित संभावित खतरों की पहचान करने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहा है। यह तकनीक दूरस्थ क्षेत्रों की पहचान करने में मदद करती है।
- सामुदायिक भागीदारी (Community Involvement): अवैध निर्माणों की पहचान करने और उनकी रिपोर्ट करने में समुदायों को शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों की मदद से समस्या पर बेहतर ढंग से नजर रखी जा सकती है।
कानूनी ढाँचा:
भारतीय विद्युत अधिनियम (Indian Electricity Act) के तहत, उच्च-तनाव वाली बिजली लाइनों के नीचे या पास में बिना अनुमति के निर्माण करना प्रतिबंधित है। इस नियम का उल्लंघन करने पर बिजली आपूर्ति काट दी जा सकती है और कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। यह स्पष्ट है कि इन खतरनाक ढाँचों को हटाना और भविष्य में ऐसे उल्लंघनों को रोकना सार्वजनिक सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।