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नई दिल्ली, 8 मई 2025: पाकिस्तान पर भारत के कथित ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, आज देश के 244 विभिन्न शहरों में युद्ध की तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थितियों से निपटने और संभावित खतरों से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करना था। मॉक ड्रिल के समाप्त होने के बाद, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली और राजस्थान समेत कई राज्यों के शहरों में ब्लैकआउट भी किया गया, जिससे लोगों को वास्तविक युद्ध जैसी स्थिति का अनुभव कराया जा सके।

देश के कोने-कोने में मॉक ड्रिल:
यह राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल दिल्ली से लेकर मणिपुर तक फैली रही, जिसमें विभिन्न प्रकार की आपातकालीन प्रतिक्रियाओं का अभ्यास किया गया।

  • इंफाल, मणिपुर: राजधानी इंफाल में दमकल कर्मियों ने आग बुझाने का प्रदर्शन किया और घायलों को स्ट्रेचर पर ले जाने का अभ्यास किया गया।
  • लुधियाना, पंजाब: वेरका मिल्क प्लांट में किसी अप्रिय घटना से निपटने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
  • दिल्ली: नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) के कार्यालय में कर्मचारियों को सुरक्षित रूप से बाहर निकालने का अभ्यास किया गया।
  • बोकारो, झारखंड: स्कूली बच्चों को आपातकालीन स्थितियों में बरती जाने वाली सावधानियों और बचाव के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया।
  • सीकर, राजस्थान: यहाँ घायलों को मलबे से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने की मॉक ड्रिल की गई।
  • मुंबई, महाराष्ट्र: छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे व्यस्त रेलवे स्टेशन पर भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसमें यात्रियों को सुरक्षा निर्देशों का पालन करने के बारे में बताया गया।

बिहार के छह जिलों में ब्लैकआउट:
बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, पटना और बेगूसराय जिलों में शाम 6 बजकर 58 मिनट पर सायरन बजाया गया। इसके ठीक दो मिनट बाद, इन सभी छह जिलों में पूर्ण ब्लैकआउट कर दिया गया। दस मिनट तक बिजली आपूर्ति बाधित रही, जिसके बाद इसे बहाल कर दिया गया। इस दौरान सड़कों पर चल रहे वाहनों ने भी अपनी हेडलाइटें बंद कर दीं। पटना में ब्लैकआउट के दौरान देशभक्ति का माहौल देखने को मिला, जहाँ लोगों ने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ जैसे नारे लगाए। एक व्यक्ति तो राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर भी सड़क पर दिखाई दिया।

दिल्ली में 15 मिनट का ब्लैकआउट:
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रात 8 बजे से 8 बजकर 15 मिनट तक ब्लैकआउट किया गया। इस दौरान विजय चौक, कर्तव्यपथ और इंडिया गेट जैसे महत्वपूर्ण स्थलों की रोशनी भी बंद कर दी गई। हालांकि, प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति भवन, दिल्ली मेट्रो, अस्पताल और अन्य आवश्यक रणनीतिक स्थानों पर बिजली की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रही। इससे पहले, शाहदरा स्थित झिलमिल के ईएसआई अस्पताल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय, खान मार्केट, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और NDMC कार्यालय सहित कई अन्य स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी।

राजस्थान के कई शहर अंधेरे में डूबे:
राजस्थान के कई शहरों में आज शाम 7:30 बजे से ब्लैकआउट शुरू हुआ, जिसकी अवधि अलग-अलग शहरों में रात 11:30 बजे तक रही। इससे पहले, शाम 4 बजे कोटा, रावतभाटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बूंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, उदयपुर, सीकर, नाल, सूरतगढ़, आबू रोड, नसीराबाद, भिवरी, फुलेरा, नागौर, जालोर, बेवर, लालगढ़, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा और पाली में तेज युद्धकालीन सायरन की आवाज सुनाई दी। इसके बाद, इन शहरों में विभिन्न प्रकार की मॉक ड्रिलें आयोजित की गईं, जिनमें नागरिकों को संभावित खतरों से बचाने के तरीकों का अभ्यास कराया गया।

शिमला में ब्लैकआउट से पहले बजे सायरन:
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी ब्लैकआउट से पहले सायरन बजाया गया, जिससे लोगों को आगामी बिजली कटौती के बारे में सूचित किया जा सके और वे आवश्यक तैयारी कर सकें।

क्या होता है ब्लैकआउट?
ब्लैकआउट एक सुरक्षात्मक उपाय है जो युद्ध या हवाई हमले की आशंका के दौरान अपनाया जाता है। रात के समय शहरों की रोशनी, वाहनों की हेडलाइटें और घरों की बिजली दुश्मन के विमानों और पनडुब्बियों के लिए लक्ष्य का काम कर सकती हैं। ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य कृत्रिम रोशनी को कम करके दुश्मन को महत्वपूर्ण स्थानों का पता लगाने और उन्हें निशाना बनाने से रोकना है। यह एक महत्वपूर्ण रणनीति है जो नागरिकों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करती है।

यह राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देश की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने और नागरिकों को संभावित खतरों के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का उद्देश्य ऐसी अभ्यासों के माध्यम से किसी भी अप्रिय स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए देश की क्षमता को बढ़ाना है।

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