
छतरपुर: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के जिला अस्पताल में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हुए दुर्व्यवहार के मामले में राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई की है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अस्पताल के संविदा पीजीएमओ डॉ. राजेश कुमार मिश्रा को बुजुर्ग को घसीटते हुए दिखाया गया था, जिसके बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, इस घटना में लापरवाही बरतने के आरोप में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. जीएल अहिरवार को भी निलंबित कर दिया गया है। डॉ. मिश्रा के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
घटना का विवरण:
यह घटना 17 अप्रैल को घटित हुई थी। नौगांव शहर के निवासी 70 वर्षीय उद्धव सिंह जोशी अपनी पत्नी को लेकर छतरपुर के जिला अस्पताल पहुंचे थे। उनका आरोप है कि पर्ची मिलने के बाद वे काफी देर तक लाइन में खड़े रहे। जब उनकी बारी आई, तो डॉ. राजेश मिश्रा ने उन्हें देखने से मना कर दिया और कथित तौर पर उनके साथ थप्पड़ और लात से मारपीट की। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
अस्पताल प्रशासन का खंडन और जांच:
सिविल सर्जन डॉ. जीएल अहिरवार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि घटना के समय अस्पताल में क्षमता से अधिक भीड़ थी। उन्होंने दावा किया कि उद्धव सिंह जोशी ने कतार तोड़ दी थी, जिस पर डॉ. मिश्रा ने आपत्ति जताई थी। घटना के बाद, जिलाधिकारी ने एसडीएम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था ताकि मामले की निष्पक्ष जांच की जा सके।
जांच रिपोर्ट और कार्रवाई:
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी, जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश की थी। इसके बाद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की निदेशक सलोनी सिडाना ने अनुबंध पर तैनात ऑर्थोपैडिक्स के डॉक्टर राजेश मिश्रा की सेवाएं तत्काल समाप्त कर दीं। घटना सामने आने के बाद, अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही बरतने और अपने जूनियर्स पर नियंत्रण न रख पाने के कारण सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ. जीएल अहिरवार को भी निलंबित कर दिया गया है।
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया:
बुजुर्ग उद्धव सिंह जोशी और उनके परिवार ने डॉक्टर के इस व्यवहार पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने आरोपी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
सरकार का सख्त संदेश:
इस घटना पर त्वरित और कड़ी कार्रवाई करते हुए, मध्य प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि मरीजों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर स्वास्थ्य सेवा जैसे संवेदनशील क्षेत्र में। सरकार ने स्वास्थ्य अधिकारियों को मरीजों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।