by-Ravindra Sikarwar
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (Shri Rawatpura Sarkar Institute of Medical Sciences and Research) नामक एक मेडिकल कॉलेज को ‘अनुकूल रिपोर्ट’ देने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में 3 डॉक्टरों सहित 6 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई देश में मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है।
मामला और आरोप:
CBI के अनुसार, यह मामला मेडिकल कॉलेज की मान्यता प्रक्रिया से जुड़ा है। भारत में मेडिकल कॉलेजों को मान्यता प्राप्त करने और अपनी सीटों की संख्या बनाए रखने के लिए विभिन्न नियामक निकायों, जैसे कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission – NMC) द्वारा निर्धारित कड़े मानकों को पूरा करना होता है। इन मानकों में पर्याप्त बुनियादी ढांचा, संकाय सदस्य, अस्पताल सुविधाएं और रोगी प्रवाह शामिल हैं।
आरोप है कि श्री रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च, जो कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में स्थित है, ने इन मानकों में कथित कमियों के बावजूद एक अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए रिश्वत की पेशकश की थी। CBI ने अपनी जांच में पाया कि इस कॉलेज से संबंधित कुछ व्यक्तियों ने नियामक प्राधिकरणों के साथ जुड़े डॉक्टरों और अन्य बिचौलियों को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
गिरफ्तार किए गए 6 व्यक्तियों में शामिल हैं:
- 3 डॉक्टर: ये डॉक्टर संभवतः उन टीमों का हिस्सा थे जिन्हें मेडिकल कॉलेजों का निरीक्षण करने और उनकी सुविधाओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का काम सौंपा गया था। उनके ऊपर रिश्वत लेकर गलत या पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट देने का आरोप है।
- अन्य 3 व्यक्ति: इनमें कॉलेज से जुड़े प्रतिनिधि या बिचौलिए हो सकते हैं, जिन्होंने कथित रूप से रिश्वत के लेनदेन की सुविधा प्रदान की।
CBI की कार्रवाई:
CBI ने इस मामले में गुपचुप तरीके से कार्रवाई की और जाल बिछाकर इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया। एजेंसी ने आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी भी ली है, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और अन्य सबूत बरामद होने की संभावना है, जो इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं।
यह CBI की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई द्वारा की गई एक महत्वपूर्ण कार्रवाई है, जो यह संदेश देती है कि नियामक निकायों में होने वाले भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मेडिकल शिक्षा में भ्रष्टाचार की समस्या:
भारत में मेडिकल शिक्षा का क्षेत्र लंबे समय से भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों से घिरा रहा है। कॉलेजों को मान्यता दिलाने, सीटों की संख्या बढ़ाने या निरीक्षण में खामियों को नजरअंदाज करने के लिए रिश्वतखोरी के मामले पहले भी सामने आते रहे हैं। इस तरह का भ्रष्टाचार न केवल योग्य डॉक्टरों के चयन को प्रभावित करता है, बल्कि अंततः स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और जनता के स्वास्थ्य को भी खतरे में डालता है।
- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC): भारत में मेडिकल शिक्षा को विनियमित करने वाली शीर्ष संस्था है। इसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा सुनिश्चित करना है। इस तरह के मामले NMC की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करते हैं।
- अयोग्य कॉलेजों को मान्यता: रिश्वतखोरी के कारण अयोग्य कॉलेजों को मान्यता मिल जाती है या वे अपनी सीटों की संख्या बनाए रख पाते हैं, जिससे मेडिकल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिलती और अंततः वे पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं बन पाते।
CBI की यह गिरफ्तारी मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि यह जांच इस रैकेट की जड़ों तक पहुंचेगी और दोषी पाए गए सभी व्यक्तियों को कानून के कटघरे में लाएगी।