
भोपाल: मध्य प्रदेश के जंगल इन दिनों भीषण गर्मी और आग की चपेट में हैं। पिछले एक महीने में प्रदेश के 22 जिलों में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे लगभग 1 लाख हेक्टेयर यानी ढाई लाख एकड़ वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वन विभाग आग पर काबू पाने के दावे कर रहा है, लेकिन राज्य के कई हिस्सों में जंगल अब भी धधक रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि इस आगजनी में प्रदेश के चार बाघ अभयारण्य क्षेत्र भी शामिल हैं, जिससे न केवल वन संपदा का नुकसान हो रहा है, बल्कि वन्यजीवों के लिए भी खतरा बढ़ गया है।
मार्च के आखिरी दिनों से ही प्रदेश के विभिन्न वन क्षेत्रों से आग लगने की सूचनाएं आनी शुरू हो गई थीं, जो अब और बढ़ गई हैं। घने जंगलों वाले जिलों में आग की घटनाएं लगातार जारी हैं। आबादी वाले इलाकों और हाईवे के किनारे के जंगलों में लगी आग को वन विभाग संदिग्ध मान रहा है। शिवपुरी के सतनबाड़ा रेंज के जंगल में पिछले एक महीने से लगी आग पर अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल ने संज्ञान लेते हुए विशेष दल भेजा है। वहीं, शहडोल के जैतपुर में वनों में लगी आग का जायजा लेने स्वयं वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार पहुंचे थे।
ये बाघ अभयारण्य आग की चपेट में:
- सीधी: संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में भी बड़े पैमाने पर आग लगी थी और अभी भी सीधी के जंगलों में आग की घटनाएं हो रही हैं।
- शिवपुरी: माधव राष्ट्रीय उद्यान, जिसे हाल ही में बाघ अभयारण्य का दर्जा मिला है, के सतनबाड़ा रेंज में पिछले एक महीने से अलग-अलग हिस्सों में आग धधक रही है, जिससे वन्य प्राणियों पर खतरा बना हुआ है। इस राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से खैर की लकड़ी की तस्करी भी हो रही है।
- ग्वालियर: शिवपुरी से ग्वालियर के बीच कई किलोमीटर तक जंगल जल रहे हैं। ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र में स्थित सोनचिरैया अभयारण्य भी आग की चपेट में है और ग्वालियर के आसपास की पहाड़ियां आग से खाक हो गई हैं।
- पन्ना: पन्ना बाघ अभयारण्य का बफर जोन भी आग से प्रभावित हुआ है, जहां विश्राम गंज क्षेत्र में आग लगी थी।
- भोपाल: पिछले हफ्ते राजधानी भोपाल के कलियासोत बांध के ऊपर बाघ अभयारण्य क्षेत्र में कई एकड़ जंगल में आग लगी थी। इस क्षेत्र में वन विभाग माफिया की संलिप्तता की भी जांच कर रहा है।
- शहडोल: हाल ही में पपौधा क्षेत्र और जैतपुर वन क्षेत्र में बड़े स्तर पर आग लगी थी। बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान का भी कुछ हिस्सा आग की चपेट में आया था।
अन्य प्रभावित जिले:
प्रदेश के अन्य घने जंगल वाले जिले जैसे बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, निवाड़ी, छतरपुर, टीकमगढ़, अनूपपुर की मैकल पहाड़ी, दमोह की पाटना वीट, खंडवा, बड़वानी, श्योपुर, कटनी का रीठी वन परिक्षेत्र और सागर का जैसीनगर क्षेत्र भी आग से प्रभावित हुए हैं।
वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने कहा कि वन विभाग वनों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए वन अमला अलर्ट पर है। उन्होंने बताया कि विशेष दल आग बुझाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में आग की घटनाओं ने वन विभाग की तैयारियों और संसाधनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।