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by-Ravindra Sikarwar

ग्वालियर: ग्वालियर जिले के घाटीगांव स्थित शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर सामूहिक नकल का मामला सामने आया है। MSW (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) और BSW (बैचलर ऑफ सोशल वर्क) की चल रही इन परीक्षाओं के दौरान छात्रों द्वारा खुलेआम नकल किए जाने का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसने विश्वविद्यालय और परीक्षा केंद्रों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि परीक्षा दे रहे छात्र धड़ल्ले से मोबाइल फोन, पर्चियों और सीरीजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हैरत की बात यह है कि नकल का यह सिलसिला किसी एक या दो छात्रों तक सीमित नहीं था, बल्कि लगभग हर छात्र इसी तरीके से नकल करता दिखाई दे रहा है। परीक्षा केंद्र पर मौजूद स्टाफ या तो इसे अनदेखा कर रहा था या फिर इस पूरे मामले में उनकी संलिप्तता होने की आशंका जताई जा रही है।

चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि इस नकल को अंजाम देने के लिए प्रति छात्र 700 रुपये का सौदा हुआ था। यह राशि नकल की सुविधा उपलब्ध कराने के एवज में ली गई थी, जिससे इस पूरे प्रकरण में एक बड़े भ्रष्टाचार की बू आ रही है।

यह घटना महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय यूनिवर्सिटी की परीक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। साथ ही, घाटीगांव के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है, जहां इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को नकल करने की खुली छूट दी गई। इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

इस मामले पर आपकी क्या राय है? क्या आपको लगता है कि ऐसे मामलों में परीक्षा रद्द कर देनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए?

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