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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली: देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों में से एक, दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA), 15 जून से यात्रियों के लिए बड़ी असुविधा लेकर आ रहा है। रनवे अपग्रेडेशन और रखरखाव के महत्वपूर्ण कार्यों के कारण, हवाई अड्डे से अगले तीन महीनों के लिए रोजाना 114 उड़ानों को रद्द किया जाएगा। यह कदम हवाई यातायात को बाधित करेगा और यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं में बदलाव करने पर मजबूर करेगा।

कारण और अवधि:
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने घोषणा की है कि हवाई अड्डे के एक प्रमुख रनवे पर आवश्यक मरम्मत और आधुनिकीकरण का काम शुरू किया जा रहा है। यह कार्य सुरक्षा मानकों को बनाए रखने और हवाई अड्डे की परिचालन दक्षता में सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपग्रेडेशन का यह चरण 15 जून से शुरू होकर अगले तीन महीनों तक चलेगा, यानी यह लगभग मध्य सितंबर तक जारी रहेगा। इस अवधि के दौरान, हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन पर सीधा असर पड़ेगा।

उड़ानों पर प्रभाव:
यह अनुमान है कि इस रखरखाव कार्य के कारण प्रतिदिन औसतन 114 उड़ानें रद्द करनी पड़ेंगी। इसमें घरेलू और कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शामिल होंगी। इंडिगो, विस्तारा, एयर इंडिया और स्पाइसजेट जैसी प्रमुख एयरलाइंस को अपने उड़ान कार्यक्रम में बड़े बदलाव करने होंगे। कुछ उड़ानों को पुनर्निर्धारित किया जा सकता है, जबकि कुछ को पूरी तरह से रद्द किया जाएगा, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी।

यात्रियों के लिए सलाह:
हवाई अड्डा प्राधिकरण और एयरलाइंस ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले अपनी संबंधित एयरलाइन से संपर्क करके उड़ान की स्थिति की जानकारी अवश्य लें। हवाई अड्डों पर किसी भी प्रकार की भीड़ से बचने और अंतिम समय की परेशानियों से बचने के लिए यह सलाह दी जाती है कि यात्री अपनी उड़ान की नवीनतम स्थिति की जांच नियमित रूप से करते रहें। एयरलाइंस यात्रियों को वैकल्पिक उड़ानों की पेशकश कर सकती हैं या रद्दीकरण की स्थिति में पूर्ण वापसी का विकल्प भी दे सकती हैं।

दीर्घकालिक लाभ:
DIAL ने स्पष्ट किया है कि यह अपग्रेडेशन कार्य यात्रियों की सुरक्षा और हवाई अड्डे की दीर्घकालिक क्षमता को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। यद्यपि इससे अल्पकालिक असुविधा होगी, लेकिन यह दिल्ली हवाई अड्डे को भविष्य में अधिक कुशल और सुरक्षित तरीके से लाखों यात्रियों को सेवा प्रदान करने में मदद करेगा। इस तरह के रखरखाव कार्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर नियमित रूप से होते हैं ताकि उनकी बुनियादी ढांचागत अखंडता सुनिश्चित की जा सके।

उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान एयरलाइंस और हवाई अड्डा प्राधिकरण मिलकर काम करेंगे ताकि यात्रियों को होने वाली असुविधा को कम से कम किया जा सके।

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