
भोपाल: मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (MPSOS) शैक्षणिक सत्र 2024-25 के प्रथम चरण की परीक्षाएं आगामी जून माह में आयोजित करने जा रहा है। यह परीक्षाएं मुख्य रूप से माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) के अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए संचालित ‘रुक जाना नहीं’ योजना के अंतर्गत कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए होंगी। इसके अतिरिक्त, ‘आ लौट चलें’ योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं के ड्रॉप-आउट छात्र, ओपन स्कूल की परंपरागत 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं, आईटीआई समकक्ष कक्षा 12वीं की परीक्षा और सीबीएसई ऑन डिमांड कक्षा 12वीं की परीक्षाएं भी इसी दौरान आयोजित की जाएंगी।
जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने शुक्रवार को इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि परीक्षाएं 2 जून 2025 से दो पालियों में आयोजित की जाएंगी। प्रथम पाली में कक्षा 12वीं की सभी परीक्षाएं होंगी, जबकि द्वितीय पाली में कक्षा 10वीं, 8वीं और 5वीं की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। परीक्षा का विस्तृत समय-सारणी MPSOS के आधिकारिक पोर्टल पर उपलब्ध है। छात्र अधिक जानकारी के लिए ई-मेल आईडी mpsos2022@gmail.com, मोबाइल ऐप mpsoseb या फोन नंबर 0755-2552106 पर संपर्क कर सकते हैं।
‘रुक जाना नहीं’ योजना: एक महत्वपूर्ण अवसर
अधिकारी ने ‘रुक जाना नहीं’ योजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका संचालन MPSOS द्वारा किया जाता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य MPBSE से अनुत्तीर्ण हुए छात्रों का कीमती वर्ष बर्बाद होने से बचाना है। इसके तहत, नियमित और स्वाध्यायी (प्राइवेट) दोनों तरह के अनुत्तीर्ण छात्रों को उसी वर्ष परीक्षा उत्तीर्ण करने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपनी शिक्षा को जारी रख सकें और मुख्यधारा से जुड़ सकें। कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र इस योजना का लाभ उठाकर अपनी-अपनी कक्षाओं में सफलता प्राप्त कर उच्च शिक्षा के लिए अन्य संस्थानों में प्रवेश ले सकते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि ‘रुक जाना नहीं’ योजना उन छात्रों के लिए एक वरदान है जो वर्तमान सत्र में MPBSE या सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा में असफल रहे हैं या किसी कारणवश आवेदन करने के बाद भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए हैं। बोर्ड द्वारा ऐसे छात्रों का एक वर्ष बचाने के लिए जून माह में उन्हीं के पाठ्यक्रम और ब्लूप्रिंट के आधार पर दोबारा परीक्षा आयोजित की जाती है। परीक्षा समाप्त होने के एक महीने के भीतर, यानी जुलाई में परिणाम घोषित कर दिया जाता है, जिससे छात्र अपनी पढ़ाई को निर्बाध रूप से जारी रख सकें। यदि कोई छात्र जून में आयोजित परीक्षा में सफल नहीं हो पाता है, तो उसे दिसंबर में MPSOS द्वारा एक और अवसर प्रदान किया जाता है। यह योजना वर्ष 2016 में एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर MPBSE के अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए शुरू की गई थी और इसकी सफलता के बाद इसे सीबीएसई के लिए ऑन-डिमांड आधार पर भी लागू किया गया है।
‘आ लौट चलें’ योजना: ड्रॉप-आउट छात्रों को मुख्यधारा में शामिल करने की पहल
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, लोक शिक्षण संचालनालय के सहयोग से प्रदेश के स्कूल छोड़ चुके (ड्रॉप-आउट) विद्यार्थियों को शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाने के उद्देश्य से ‘आ लौट चलें’ योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत, छात्रों को कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा प्रदान की गई है। इनका पाठ्यक्रम और ब्लूप्रिंट वही होता है जो मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल में प्रचलित है, जिससे इन छात्रों को पढ़ाई में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ड्रॉप-आउट छात्रों की संख्या को कम करके सभी स्तरों पर शिक्षा की सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इसी उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए MPSOS द्वारा ‘आ लौट चलें’ योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से 14 से 18 वर्ष के वे छात्र जो विभिन्न कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं, उन्हें ओपन स्कूल के माध्यम से परीक्षा में शामिल होकर शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिल रहा है।
‘ऑन डिमांड परीक्षा’ योजना: त्वरित सफलता का अवसर
MPSOS में ‘ऑन डिमांड परीक्षा’ योजना भी लागू है। इस योजना के तहत, देश के मान्यता प्राप्त बोर्ड के ऐसे विद्यार्थी जो एक या एक से अधिक विषयों में शामिल होकर कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा 15 दिनों के भीतर उत्तीर्ण करना चाहते हैं, वे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना में छात्रों को केवल मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश और सीबीएसई के पाठ्यक्रम से ही परीक्षा में शामिल होने का प्रावधान है। यह योजना उन छात्रों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो किसी विशेष कारण से जल्द ही अपनी परीक्षा उत्तीर्ण करना चाहते हैं।
इन विभिन्न योजनाओं के माध्यम से मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि किसी भी छात्र का शैक्षणिक वर्ष व्यर्थ न जाए और सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर मिलें। जून में आयोजित होने वाली परीक्षाएं इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।