by-Ravindra Sikarwar
मध्य प्रदेश तेजी से सौर ऊर्जा के ओपन एक्सेस (Open Access) मॉडल के लिए एक प्रमुख बाजार के रूप में उभर रहा है। वर्ष 2025 की पहली तिमाही में राज्य में स्थापित बड़े पैमाने की सौर ऊर्जा परियोजनाओं में से 35% ने ओपन एक्सेस मॉडल का उपयोग किया है। यह आंकड़ा राज्य की महत्वाकांक्षी नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य 2030 तक अपनी वार्षिक बिजली खपत का 50% नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना है।
ओपन एक्सेस क्या है और इसकी वृद्धि क्यों?
‘ओपन एक्सेस’ मॉडल के तहत, बड़े उपभोक्ता (जैसे उद्योग या वाणिज्यिक प्रतिष्ठान) सीधे नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादकों से बिजली खरीद सकते हैं, बजाय इसके कि वे केवल वितरण कंपनियों पर निर्भर रहें। यह मॉडल उपभोक्ताओं को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा तक सीधी पहुंच प्रदान करता है, जिससे लागत कम होती है और स्थिरता बढ़ती है।
मध्य प्रदेश में ओपन एक्सेस मॉडल की यह तेज वृद्धि कई कारकों के कारण है:
- लागत प्रभावी समाधान: कंपनियां अब पारंपरिक ग्रिड बिजली की तुलना में ओपन एक्सेस के माध्यम से सौर ऊर्जा खरीदना अधिक लागत प्रभावी पा रही हैं।
- पर्यावरणीय लक्ष्य: कार्बन फुटप्रिंट कम करने और अपने स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए व्यवसायों की बढ़ती इच्छा।
- सहायक नीतिगत ढांचा: राज्य सरकार की नीतियां ओपन एक्सेस परियोजनाओं के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान कर रही हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025: एक विस्तृत दृष्टिकोण
मध्य प्रदेश सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 एक दूरदर्शी पहल है, जिसका लक्ष्य राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। इस नीति के मुख्य प्रावधान और लक्ष्य इस प्रकार हैं:
- 50% नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य (2030 तक):
- नीति का सबसे महत्वपूर्ण लक्ष्य यह है कि मध्य प्रदेश अपनी कुल वार्षिक बिजली खपत का 50% हिस्सा 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त करेगा। यह एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है जो राज्य की ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता दोनों को बढ़ाएगा।
- प्रमुख प्रावधान और प्रोत्साहन:
- नीति में ओपन एक्सेस परियोजनाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन शामिल हैं, जिससे अधिक से अधिक उद्योगों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को इस मॉडल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
- यह बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं, विशेष रूप से सौर और हाइब्रिड ऊर्जा पार्कों के विकास पर केंद्रित है।
- क्षमता लक्ष्य (10,000 मेगावाट तक 2027 तक):
- मध्य प्रदेश का लक्ष्य 2027 तक 10,000 मेगावाट की संयुक्त क्षमता वाले बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा और हाइब्रिड ऊर्जा पार्क स्थापित करना है। ये पार्क न केवल राज्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, बल्कि मध्य प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा का एक प्रमुख निर्यातक बनाने की भी परिकल्पना की गई है।
- यह लक्ष्य ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और अतिरिक्त बिजली को पड़ोसी राज्यों या राष्ट्रीय ग्रिड को बेचने की संभावना को दर्शाता है।
- विशेष ग्रीन जोन (Special Green Zones):
- नीति में ‘विशेष ग्रीन जोन’ की अवधारणा पेश की गई है। ये ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करने वाले व्यवसायों को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इन जोनों में आने वाले व्यवसायों को अपनी ऊर्जा जरूरतों का कम से कम 30% स्वच्छ स्रोतों से पूरा करना होगा। यह पहल न केवल ग्रीन निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि औद्योगिक इकाइयों में ऊर्जा दक्षता और स्थिरता को भी बढ़ावा देगी।
मध्य प्रदेश का स्वच्छ ऊर्जा भविष्य:
मध्य प्रदेश की यह महत्वाकांक्षी नीति राज्य के लिए एक स्वच्छ और हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है। ओपन एक्सेस मॉडल की सफलता, मजबूत नीतिगत समर्थन, और बड़े पैमाने पर ऊर्जा पार्कों के विकास के लक्ष्यों के साथ, मध्य प्रदेश भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। यह न केवल पर्यावरणीय लाभ प्रदान करेगा, बल्कि राज्य में निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।