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by-Ravindra Sikarwar

कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ कथित तौर पर हुए गैंग-रेप की घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने एक बार फिर से महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।

घटना का विवरण:
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना बुधवार (25 जून, 2025) शाम को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज के परिसर में हुई। 24 वर्षीय प्रथम वर्ष की छात्रा ने आरोप लगाया है कि कॉलेज के तीन लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। आरोपियों की पहचान कॉलेज के पूर्व छात्र और टीएमसी छात्र परिषद (TMCP) के पूर्व नेता मनोजित मिश्रा, और वर्तमान छात्रों जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी के रूप में हुई है।

पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसे एक छात्र संघ के पद की पेशकश की गई थी, जिसके बाद वह यूनियन रूम में रुक गई। वहां मनोजित मिश्रा ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया, जिसे पीड़िता ने ठुकरा दिया। इसके बाद उसे जबरन कॉलेज के सुरक्षा गार्ड के कमरे में ले जाया गया, जहां उसके साथ कथित तौर पर गैंग-रेप किया गया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि इस दौरान उसे हॉकी स्टिक से पीटा गया और इस पूरे कृत्य का वीडियो बनाया गया। उसे धमकी दी गई कि अगर उसने किसी को बताया तो वीडियो इंटरनेट पर लीक कर दिया जाएगा। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उसने हमलावरों से जाने देने की गुहार लगाई और उनके पैर तक पकड़े, लेकिन उन्होंने उसकी बात नहीं मानी।

गिरफ्तारी और जांच
पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एक सुरक्षा गार्ड को भी कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है क्योंकि पीड़िता की गुहार के बावजूद उसने उसकी मदद नहीं की। मेडिकल जांच में पीड़िता के शरीर पर जबरन प्रवेश, दांतों के काटने के निशान और नाखूनों के खरोंच के निशान मिले हैं, जिससे गैंग-रेप के आरोपों की पुष्टि हुई है। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं और फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिए हैं।

राजनीतिक विवाद:
इस घटना ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में तूफान ला दिया है। बीजेपी ने टीएमसी पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने और आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है। बीजेपी नेताओं ने आरोपियों की टीएमसी नेताओं के साथ की तस्वीरें भी साझा की हैं।

वहीं, टीएमसी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि बीजेपी इस गंभीर मामले का राजनीतिकरण कर रही है। टीएमसी ने स्पष्ट किया है कि मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा को 2021 में ही टीएमसी छात्र विंग से निकाल दिया गया था और पार्टी का उससे कोई संबंध नहीं है। टीएमसी नेताओं ने पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की प्रतिबद्धता दोहराई है।

पीड़िता के पिता की आलोचना:
पीड़िता के पिता ने भी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि घटना के बाद सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और वे अपनी बेटी के लिए न्याय चाहते हैं।

यह घटना पिछले साल अगस्त में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक इंटर्न के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले की दर्दनाक यादें ताजा कर रही है, जिसने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया था। इस ताजा मामले ने एक बार फिर से पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा पर बहस छेड़ दी है।

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