Spread the love

by-Ravindra Sikarwar

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एक भयावह गैंगरेप मामले पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कुछ नेताओं द्वारा की गई असंवेदनशील और विवादित टिप्पणियों के बाद पार्टी के भीतर एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इन टिप्पणियों ने न केवल विपक्ष को हमलावर होने का मौका दिया, बल्कि पार्टी के अंदर भी तीखी बहस और नाराजगी पैदा कर दी है, जिसके बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने खुद को इन बयानों से आधिकारिक तौर पर अलग कर लिया है।

मामले की पृष्ठभूमि:
यह विवाद कोलकाता में हुई एक दुखद घटना के बाद शुरू हुआ, जिसमें एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आई। इस जघन्य अपराध ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया और आम जनता से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में आक्रोश फैल गया।

विवादित बयान और पार्टी के भीतर रोष:
आक्रोश के बीच, TMC के कुछ वरिष्ठ नेताओं और प्रवक्ताओं ने इस मामले पर ऐसी टिप्पणियाँ कीं, जिन्हें व्यापक रूप से असंवेदनशील और पीड़िता पर आरोप लगाने वाला माना गया। इन बयानों ने महिला सुरक्षा और न्याय के प्रति पार्टी के रुख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

सूत्रों के अनुसार, इन टिप्पणियों के सामने आते ही पार्टी के भीतर ही कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई। उनका मानना था कि ऐसे बयान न केवल अमानवीय हैं, बल्कि वे पार्टी की छवि को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इन बयानों के बाद TMC के भीतर एक तीखी बहस छिड़ गई, जिसमें कई नेता उन बयानों की सार्वजनिक निंदा करने की मांग कर रहे थे।

पार्टी नेतृत्व ने लिया एक्शन:
मामले की गंभीरता और बढ़ते राजनीतिक दबाव को देखते हुए, तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को तुरंत हस्तक्षेप करना पड़ा। पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर उन नेताओं की टिप्पणियों से खुद को पूरी तरह से अलग कर लिया।

पार्टी के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पार्टी उन बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करती है। वे बयान पार्टी के विचारों या मूल्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। हमारी पार्टी महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, और हम इस जघन्य अपराध की निंदा करते हैं।”

यह भी बताया गया है कि जिन नेताओं ने ये विवादित बयान दिए थे, उन्हें चेतावनी दी गई है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। पार्टी का यह कदम डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है ताकि इस संवेदनशील मुद्दे पर पार्टी की छवि को बचाया जा सके।

राजनीतिक घमासान:
इस आंतरिक कलह का विपक्षी दलों ने पूरा फायदा उठाया है। भाजपा और वाम दलों ने TMC पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि यह घटना और उस पर की गई टिप्पणियां पश्चिम बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा की खराब स्थिति को दर्शाती हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने और विवादित बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। यह घटना TMC के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि उसे न केवल विपक्ष के हमलों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि अपने ही नेताओं द्वारा पैदा किए गए संकट को भी संभालना पड़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp