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बेंगलुरु: कर्नाटक हाईकोर्ट ने महाशिवरात्रि के अवसर पर अलंद स्थित लाडले मशक दरगाह परिसर में शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दे दी है। अदालत ने अपने आदेश में कर्नाटक वक्फ न्यायाधिकरण के पहले दिए गए फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि धार्मिक अनुष्ठान पूर्व निर्धारित समय के अनुसार संपन्न होंगे।

हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लिए निर्धारित समय
फैसले के अनुसार, सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक मुस्लिम समुदाय को उर्स से संबंधित धार्मिक गतिविधियों के लिए अनुमति दी गई है। वहीं, दोपहर 2 बजे से शाम 6 बजे तक हिंदू श्रद्धालुओं को परिसर में स्थित राघव चैतन्य शिवलिंग की पूजा करने का अधिकार दिया गया है।

पूजा के लिए 15 श्रद्धालुओं को अनुमति
अदालत ने आदेश दिया है कि केवल 15 हिंदू भक्तों को दरगाह परिसर में प्रवेश कर पूजा-अर्चना करने की अनुमति होगी। ऐतिहासिक रूप से यह स्थान 14वीं सदी के सूफी संत और 15वीं सदी के हिंदू संत राघव चैतन्य से जुड़ा हुआ है और लंबे समय तक यह साझा उपासना स्थल रहा है। हालांकि, 2022 में धार्मिक अधिकारों को लेकर विवाद बढ़ गया था, जिसके चलते क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

सुरक्षा के लिए धारा 144 लागू
संभावित तनाव को रोकने के लिए प्रशासन ने अलंद में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है, जिससे किसी भी प्रकार की भीड़ जमा होने पर प्रतिबंध रहेगा। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 12 जांच चौकियां स्थापित की गई हैं और ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जा रही है।

यह फैसला धार्मिक सौहार्द बनाए रखने और सभी समुदायों को उनके अधिकारों के अनुसार पूजा करने की स्वतंत्रता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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