Spread the love

by-Ravindra Sikarwar

इंग्लैंड बनाम भारत टेस्ट श्रृंखला में भारतीय तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। लीड्स के हेडिंग्ले में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में, बुमराह ने अपनी धारदार गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खूब परेशान किया, लेकिन भारतीय फील्डरों द्वारा छोड़े गए कैचों ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। इस पूरे वाकये पर बुमराह की प्रतिक्रिया ने उनकी परिपक्वता और टीम भावना को दर्शाया है।

बुमराह का दमदार प्रदर्शन:
जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड की पहली पारी में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए 83 रन देकर 5 विकेट हासिल किए, जो उनके टेस्ट करियर का 14वां पांच विकेट हॉल था। उन्होंने इंग्लैंड के प्रमुख बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा और टीम को बड़ी बढ़त लेने से रोका। उनकी शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत, इंग्लैंड को 465 रन पर समेटने में सफल रहा, जिससे पहली पारी के आधार पर उसे 6 रनों की मामूली बढ़त मिली।

बुमराह का यह प्रदर्शन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा। वह SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) देशों में 150 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले एशियाई गेंदबाज बन गए हैं। इंग्लैंड में यह उनका तीसरा पांच विकेट हॉल था, जिससे उन्होंने लाला अमरनाथ, कपिल देव, भुवनेश्वर कुमार और इशांत शर्मा जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया, जिन्होंने इंग्लैंड में दो-दो बार पांच विकेट लिए थे।

छूटे कैच और बुमराह की प्रतिक्रिया:
बुमराह की जितनी तारीफ उनकी गेंदबाजी के लिए हो रही है, उतनी ही चर्चा उनकी गेंदों पर छूटे कैचों को लेकर भी है। इंग्लैंड की पारी के दौरान, भारतीय फील्डरों ने कुल छह कैच छोड़े, जिनमें से चार बुमराह की गेंदों पर थे। यशस्वी जायसवाल ने अकेले स्लिप में तीन कैच टपकाए, और ये सभी बुमराह की गेंदों पर थे। हैरी ब्रूक को तो दो बार जीवनदान मिला, जिसमें एक नो-बॉल पर और दूसरा बुमराह की गेंद पर छूटे कैच के कारण था। ब्रूक ने इन जीवनदानों का फायदा उठाते हुए 99 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली, जिससे भारत को बड़ा नुकसान हुआ।

मैच के बाद, जब जसप्रीत बुमराह से छूटे हुए कैचों के बारे में पूछा गया, तो उनकी प्रतिक्रिया ने सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने कहा:

“हां, एक पल के लिए जरूर बुरा लगा, लेकिन आप बैठकर रो तो नहीं सकते, है ना? आपको खेल के साथ आगे बढ़ना रहता है। मैं कोशिश करता हूं कि इसे दिमाग में बहुत दूर तक ना ले जाऊं और जल्दी भूल सकूं। हमारे कई खिलाड़ी अभी नए हैं और उन्हें थोड़ा वक्त मिलना चाहिए। कभी-कभी गेंद को देख पाना मुश्किल हो जाता है, कोई भी जानबूझकर कैच नहीं छोड़ता। सभी खिलाड़ी काफी मेहनत कर रहे हैं। ऐसा होता रहता है। इसलिए मैं कोई हंगामा खड़ा नहीं करना चाहता, ये नहीं दर्शाना चाहता कि मैं गुस्से में हूं या बॉक्स को लात मार रहा हूं, जिससे फील्डर पर अतिरिक्त दबाव बने। अगर कैच पहले ही पकड़ लिए जाते तो अच्छा होता, लेकिन खिलाड़ी इस अनुभव से सीखेंगे।”

आलोचकों को जवाब और भविष्य पर बयान:
बुमराह ने अपने आलोचकों को भी करारा जवाब दिया, जो चोटों के कारण उनके करियर के छोटे होने की भविष्यवाणी करते रहे हैं। उन्होंने कहा, “इतने सालों में लोगों ने कहा है कि मैं सिर्फ 8 महीने खेलूंगा और कुछ ने कहा है कि 10 महीने तक मैं खेल सकता हूं। लेकिन अब मुझे इंटरनेशनल क्रिकेट में 10 साल पूरे हो गए हैं और आईपीएल में 12-13 साल। अभी तक भी जब मैं चोटिल होता हूं तो लोग कहते हैं कि मैं खत्म हो चुका हूं। उनको कहने दिया जाए मैं अपना काम खुद करूंगा। हर 4 महीने में ये फिर से शुरू हो जाएगा लेकिन ऊपर वाला जब तक चाहेगा मैं तब तक खेलूंगा। मैं कड़ी मेहनत करता हूं और ऊपर वाले पर सब चीज़ें छोड़ देता हूं।”

जसप्रीत बुमराह का यह बयान उनकी मानसिक मजबूती, टीम के प्रति उनके सम्मान और खेल के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है। एक तरफ जहां वह मैदान पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वह अपने शब्दों से भी एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में सामने आ रहे हैं। उनकी यह परिपक्वता भारतीय क्रिकेट के लिए एक अच्छा संकेत है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp