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नई दिल्ली: दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए विभिन्न पाठ्यक्रमों की फीस में 16% से 41% तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है। विश्वविद्यालय के नवीनतम प्रॉस्पेक्टस की तुलना पिछले वर्ष के शुल्क संरचना से करने पर पता चलता है कि इस साल छात्रों को पहले की तुलना में अधिक शुल्क देना होगा।

किन पाठ्यक्रमों की फीस कितनी बढ़ी?

  • फ़ारसी (Persian) विभाग: 41.41% की बढ़ोतरी – ₹6,700 से बढ़कर ₹9,475 प्रति वर्ष
  • अरबी (Arabic) विभाग: 37.15% की बढ़ोतरी – ₹7,200 से बढ़कर ₹9,875 प्रति वर्ष
  • विदेशी भाषा पाठ्यक्रम (तुर्की और अन्य भाषाएं): 37.15% की वृद्धि
  • सामाजिक विज्ञान (BA, MA – पॉलिटिकल साइंस, BCom, BA मल्टीडिसिप्लिनरी): 32.99% की बढ़ोतरी – ₹7,425 से बढ़कर ₹9,875 प्रति वर्ष
  • विज्ञान (BSc मल्टीडिसिप्लिनरी, भूगोल, गणित, भौतिकी): 34.29% की वृद्धि – ₹7,800 से बढ़कर ₹10,475 प्रति वर्ष
  • बीटेक (BTech): 19.04% की बढ़ोतरी – ₹16,150 से बढ़कर ₹19,225 प्रति वर्ष
  • एमटेक (MTech): 16.48% की वृद्धि – ₹21,375 प्रति वर्ष
  • कानूनी पाठ्यक्रम (BA LLB, LLM): 19% की वृद्धि – ₹15,000 से बढ़कर ₹17,850 प्रति वर्ष

इस फीस वृद्धि से छात्रों की आर्थिक योजना पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।

नई प्रवेश प्रक्रियाएं और कोर्स

  • विश्वविद्यालय ने 14 नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की है।
  • कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के तहत अब कुल 25 पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा, जो पहले केवल 20 पाठ्यक्रमों के लिए लागू था।
  • इन 25 पाठ्यक्रमों में 9 स्नातक (UG), 5 परास्नातक (PG), 8 डिप्लोमा और 3 एडवांस डिप्लोमा पाठ्यक्रम शामिल हैं।

मुख्य बिंदु:

जामिया मिलिया इस्लामिया ने 2025-26 के लिए फीस में 16% से 41% तक की वृद्धि की है।
फ़ारसी और अरबी विभाग में सबसे अधिक वृद्धि हुई है, 41.41% और 37.15%
CUET स्कोर के आधार पर अब 25 पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा, जो पहले 20 पाठ्यक्रमों में लागू था।

यह वृद्धि छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए वित्तीय बोझ बढ़ा सकती है, जिससे उच्च शिक्षा की पहुंच प्रभावित हो सकती है।

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