
गांधीनगर: गुजरात के जामनगर में एक प्रशिक्षण मिशन के दौरान भारतीय वायुसेना का जगुआर लड़ाकू विमान बुधवार रात दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में एक पायलट की दुखद मृत्यु हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया। भारतीय वायुसेना ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और कहा है कि वे शोक संतप्त परिवार के साथ मजबूती से खड़े हैं।
तकनीकी खराबी बनी हादसे की वजह
वायुसेना अधिकारियों के अनुसार, विमान में तकनीकी खराबी आने के कारण पायलटों ने विमान को सुरक्षित क्षेत्र में ले जाने का प्रयास किया ताकि आबादी वाले क्षेत्र को कोई नुकसान न हो। हालांकि, दुर्भाग्यवश एक पायलट की जान चली गई, जबकि दूसरा पायलट गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल पायलट को तुरंत जामनगर के सरकारी जीजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
रात 9:30 बजे हुआ हादसा
यह दुर्घटना जामनगर शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर सुवरदा गांव के पास रात करीब 9:30 बजे हुई। टकराने के तुरंत बाद विमान में आग लग गई, जिससे वह जलकर पूरी तरह खाक हो गया। मौके पर पहुंचे स्थानीय लोगों ने बताया कि विमान टुकड़ों में बंट गया और आग का बड़ा गोला बन गया।
इस साल पहले भी हुआ था हादसा
यह पहली बार नहीं है जब जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो। इस साल की शुरुआत में हरियाणा के पंचकूला के पास भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जिसमें पायलट समय रहते विमान से बाहर निकलने में सफल रहा था। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय वायुसेना के कई जगुआर विमानों के क्रैश होने की घटनाएं सामने आई हैं।
1979 में शुरू हुआ था जगुआर का अधिग्रहण
ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा विकसित यह सुपरसोनिक अटैक एयरक्राफ्ट 1979 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। मुख्य रूप से जमीनी हमलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इन विमानों की संख्या वायुसेना में लगभग 121 है। हालांकि, 2031 तक इन्हें चरणबद्ध तरीके से हटाकर स्वदेशी तेजस Mk1A विमानों को शामिल करने की योजना बनाई गई है।
यह दुर्घटना भारतीय वायुसेना के लिए एक बड़ी क्षति है। अधिकारियों ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि इसके कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।