
भारत एक बार फिर अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नई उपलब्धि की ओर बढ़ रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चंद्रयान-5 मिशन को सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा पर एक 250 किलोग्राम का रोवर भेजकर वहां की सतह का गहराई से अध्ययन करना है। ISRO के अध्यक्ष, वी नारायणन ने बेंगलुरु में आयोजित एक कार्यक्रम में इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-5 मिशन में एक उन्नत रोवर होगा, जो चंद्रमा की सतह और संरचना पर विस्तृत अध्ययन करेगा।
इस मिशन में भारत के साथ जापान भी सहयोग करेगा। यह मिशन 2027 तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। इसके पहले, भारत ने चंद्रयान-1 (2008) और चंद्रयान-2 (2019) मिशन भेजे थे। चंद्रयान-3 मिशन ने 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी। इस नए मिशन में चंद्रमा की सतह से जानकारी हासिल करने के लिए रोवर का इस्तेमाल किया जाएगा।
चंद्रयान-4 मिशन 2027 में लॉन्च होने की संभावना है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा से मिट्टी और पत्थर के नमूने पृथ्वी पर लाना है। इससे वैज्ञानिकों को चंद्रमा के बारे में और अधिक गहरी जानकारी मिलेगी।
चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर से अभी भी उच्च गुणवत्ता वाली तस्वीरें चंद्रमा से भेजी जा रही हैं, जो चंद्रमा की सतह के बारे में महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करती हैं। इसके अलावा, चंद्रयान-1 ने 2008 में रासायनिक और खनिज डेटा इकट्ठा किया था, जो आज भी महत्वपूर्ण है।
भारत ने हाल ही में दो नए अंतरिक्ष मिशनों को भी मंजूरी दी है, जिनमें से एक चंद्रयान-4 मिशन है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा से नमूने इकट्ठा करना और उन्हें पृथ्वी पर लाना है, ताकि चंद्रमा के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की जा सके।