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नई दिल्ली: भारतीय सेना द्वारा हाल ही में आतंकवाद के खिलाफ चलाए गए महत्वपूर्ण ऑपरेशन सिंदूर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक प्रतिक्रिया मिल रही है। इस साहसिक अभियान में भारतीय सेना के जवानों ने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंकवादी शिविरों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किया। इस कार्रवाई को आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति का स्पष्ट प्रमाण माना जा रहा है। अब, इस ऑपरेशन को लेकर इजरायल ने खुलकर भारत का समर्थन किया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी और आतंकवाद के विरुद्ध साझा वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है।

भारत में इजरायल के राजदूत, महामहिम रियुवेन अजार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आतंकवाद के खिलाफ भारत के मजबूत कदम की सराहना की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “इजरायल, भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पूर्ण समर्थन करता है। आतंकवादियों को यह स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि निर्दोष नागरिकों पर किए गए उनके बर्बर और क्रूर हमलों के बाद वे दुनिया के किसी भी कोने में सुरक्षित नहीं रह सकते।”

इजरायली राजदूत की यह टिप्पणी न केवल भारत के प्रति इजरायल की गहरी एकजुटता को दर्शाती है, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद के खतरे के खिलाफ एक मजबूत और एकीकृत संदेश भी देती है। इजरायल, जो स्वयं भी लंबे समय से आतंकवाद का शिकार रहा है, भारत की इस कार्रवाई की गंभीरता और आवश्यकता को भलीभांति समझता है।

ऑपरेशन सिंदूर, जो पहलगाम में तीर्थयात्रियों पर हुए जघन्य हमले के प्रत्युत्तर में किया गया, भारतीय सेना की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई का उदाहरण है। इस ऑपरेशन के माध्यम से भारत ने न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने का संदेश दिया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों पर होने वाले किसी भी आतंकी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवाद के प्रायोजकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से भी नहीं हिचकिचाएगा।

इजरायल का यह पुरजोर समर्थन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक प्रोत्साहन माना जा रहा है। ऐसे समय में जब क्षेत्रीय भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है और आतंकवाद एक वैश्विक खतरा बना हुआ है, इजरायल जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्र का समर्थन भारत के प्रयासों को और अधिक बल प्रदान करता है। यह समर्थन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और किसी भी प्रकार के आतंकी कृत्यों की निंदा करने का आह्वान करता है।

विश्लेषकों का मानना है कि इजरायल का यह समर्थन भारत और इजरायल के बीच बढ़ते रक्षा और सुरक्षा सहयोग का भी प्रतीक है। दोनों देशों ने आतंकवाद का मुकाबला करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए पिछले कुछ वर्षों में अपने संबंधों को मजबूत किया है। इजरायली राजदूत की टिप्पणी इस रणनीतिक साझेदारी की गहराई और आपसी विश्वास को दर्शाती है।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और इजरायल के समर्थन ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को और मजबूत किया है। यह स्पष्ट संदेश देता है कि भारत न केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि वह आतंकवाद के नेटवर्क को ध्वस्त करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भी दृढ़ संकल्पित है। यह कार्रवाई आतंकवादियों और उनके समर्थकों के लिए एक कड़ा संदेश है कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे और उन्हें उनके कृत्यों की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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