
17 साल से फरार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में
MP: देवास जिले की पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2008 में हत्या के मामले में फरार चल रहे एक आरोपी को पुलिस ने 17 वर्षों की मेहनत के बाद गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी अपने दो साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति के अपहरण और हत्या के मामले में शामिल था। हालांकि, उसके दोनों साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे और उन्हें सजा भी मिल चुकी है। इस सफलता पर पुलिस अधीक्षक ने आरोपी को पकड़ने वाली टीम की सराहना की और उन्हें इनाम देने की घोषणा की है।
पुलिस अधीक्षक ने साझा की जानकारी
देवास पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बागली थाना क्षेत्र में वर्ष 2008 में कालू नामक मजदूर की तीन लोगों ने मिलकर हत्या कर दी थी। हत्या से पहले उसका अपहरण किया गया था। यह घटना मजदूरी के पैसों को लेकर हुए विवाद के चलते अंजाम दी गई थी। आरोपी कालू को अगवा कर एक सुनसान जगह ले गए और वहां गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव को जंगल में फेंक दिया गया।
दो आरोपी पहले ही गिरफ्तार, तीसरा अब पकड़ा गया
इस मामले में पहले दो आरोपी—मांगीलाल और ग्यानसिंह—को 2008 में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। अदालत ने 2010 में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जबकि तीसरा आरोपी अमरीश राजौरिया लगातार फरार था और 17 सालों तक पुलिस को चकमा देता रहा। वह अलग-अलग शहरों में अपनी पहचान छिपाकर रह रहा था।
‘ऑपरेशन हवालात’ के तहत हुई गिरफ्तारी
देवास पुलिस ने विशेष अभियान ‘ऑपरेशन हवालात’ के तहत अमरीश राजौरिया को गिरफ्तार किया। इस ऑपरेशन में तकनीकी निगरानी और मुखबिरों की मदद से पुलिस को सफलता मिली। गिरफ्तारी के समय आरोपी के पास से कई मोबाइल फोन भी बरामद हुए हैं, जिनका इस्तेमाल वह अपनी लोकेशन छुपाने के लिए करता था।
पुलिस टीम को मिलेगा इनाम
इस कामयाबी पर पुलिस अधीक्षक ने आरोपी को पकड़ने वाली टीम को पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों बाद भी पुलिस की मेहनत रंग लाई और न्याय की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ा।