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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली: भारत ने सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार कर लिया है। पहली बार, देश ने SDG रैंकिंग में शीर्ष 100 देशों में अपनी जगह बनाई है, जो वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते कद और सतत विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गौरव का क्षण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता और जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस प्रगति कर रहा है।

SDG रैंकिंग क्या है?
सतत विकास लक्ष्य (SDGs) संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2015 में अपनाए गए 17 वैश्विक लक्ष्य हैं, जिनका उद्देश्य 2030 तक सभी के लिए शांति और समृद्धि प्राप्त करना है। इन लक्ष्यों में गरीबी और भूखमरी को समाप्त करना, अच्छा स्वास्थ्य और खुशहाली सुनिश्चित करना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, लैंगिक समानता हासिल करना, स्वच्छ पानी और स्वच्छता उपलब्ध कराना, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करना, अच्छा काम और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, असमानताओं को कम करना, सतत शहर और समुदाय बनाना, जिम्मेदारीपूर्ण उपभोग और उत्पादन सुनिश्चित करना, जलवायु कार्रवाई करना, पानी के नीचे के जीवन की रक्षा करना, भूमि पर जीवन की रक्षा करना, शांति, न्याय और मजबूत संस्थानों को बढ़ावा देना और लक्ष्यों के लिए साझेदारी करना शामिल है।

SDG रैंकिंग विभिन्न देशों द्वारा इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में की गई प्रगति का मूल्यांकन करती है। यह रैंकिंग कई संकेतकों और डेटा बिंदुओं के आधार पर तैयार की जाती है, जिससे देशों को अपनी स्थिति का आकलन करने और सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद मिलती है।

भारत की प्रगति के मुख्य कारक:
भारत का टॉप 100 में आना कई कारकों का परिणाम है। सरकार की विभिन्न पहलों और योजनाओं ने इस प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है:

  • गरीबी उन्मूलन: प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) और मनरेगा जैसी योजनाओं ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीबी कम करने में मदद की है।
  • स्वास्थ्य और कल्याण: आयुष्मान भारत योजना और जन औषधि परियोजना ने स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और सस्ती दवाओं की उपलब्धता में सुधार किया है।
  • गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: समग्र शिक्षा अभियान और नई शिक्षा नीति (NEP) ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने पर जोर दिया है।
  • स्वच्छता और जल: स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन ने देश भर में स्वच्छता और पीने के पानी की उपलब्धता में क्रांति ला दी है।
  • स्वच्छ ऊर्जा: सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के प्रयासों से भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहा है।
  • बुनियादी ढांचा विकास: सड़कों, रेलवे और डिजिटल कनेक्टिविटी में निवेश ने आर्थिक विकास को गति दी है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है।

इन प्रयासों के साथ-साथ, नागरिक समाज संगठनों, निजी क्षेत्र और आम जनता की सक्रिय भागीदारी ने भी इस उपलब्धि में योगदान दिया है।

आगे की चुनौतियां और अवसर:
हालांकि यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, भारत के सामने अभी भी कई चुनौतियां हैं। असमानताओं को कम करना, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करना, और सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करना अभी भी प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं। सतत विकास एक सतत प्रक्रिया है, और भारत को इन लक्ष्यों को पूरी तरह से प्राप्त करने के लिए अपनी गति बनाए रखनी होगी।

यह उपलब्धि भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थिति प्रदान करती है और अन्य विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा स्रोत के रूप में कार्य करती है। यह दर्शाता है कि सही नीतियों, प्रतिबद्धता और सामूहिक प्रयासों के साथ, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना संभव है। भारत की यह प्रगति भविष्य के लिए आशा की एक नई किरण है।

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