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श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान की ओर से एक बार फिर सीजफायर का उल्लंघन किया गया, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। इसी बीच, सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। पुलिस सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, कुलगाम जिले के कैमोह इलाके के थोकरपोरा में आतंकवादियों के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।

जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने 25-26 अप्रैल 2025 की रात को बिना किसी उकसावे के LoC के कई स्थानों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की, जो 2021 के बाद से सीजफायर उल्लंघन की अपेक्षाकृत कम घटनाओं के विपरीत है। पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद सीमा पर तनाव बढ़ने की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। भारतीय सेना ने इस हरकत का तुरंत और प्रभावी ढंग से जवाब दिया। सेना के आधिकारिक बयान के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने छोटे हथियारों से उचित जवाबी कार्रवाई की और भारतीय पक्ष में किसी भी प्रकार की क्षति की कोई सूचना नहीं है। भारतीय सेना ने संयम बरतते हुए केवल आवश्यक जवाबी कार्रवाई की।

वहीं, कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कुलगाम जिले के कैमोह इलाके के थोकरपोरा में सुरक्षा बलों ने एक विशेष अभियान चलाया, जिसके दौरान दो ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जो आतंकवादियों को विभिन्न प्रकार की सहायता प्रदान करते थे। हालांकि, गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान और उन्होंने आतंकवादियों को किस प्रकार की मदद पहुंचाई, इस बारे में विस्तृत जानकारी अभी साझा नहीं की गई है। पुलिस उनसे गहन पूछताछ कर रही है ताकि आतंकी नेटवर्क और उनके अन्य मददगारों का पता लगाया जा सके।

यह गिरफ्तारी पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए जघन्य आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे व्यापक आतंकवाद विरोधी अभियान का हिस्सा है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। शुरुआती जांच में इस हमले में पाकिस्तान समर्थित 5-7 आतंकवादियों की संलिप्तता पाई गई थी, जिन्हें स्थानीय स्तर पर भी मदद मिली थी। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और जांच में पाकिस्तान से इसके संबंध पुष्ट हुए हैं।

LoC पर पाकिस्तानी सेना की इस उकसावे वाली कार्रवाई और कश्मीर के अंदर आतंकवादियों के मददगारों की गिरफ्तारी, दोनों ही क्षेत्र में व्याप्त तनाव और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी को दर्शाते हैं। भारतीय सेना सीमा पर किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने के लिए तैयार है, जबकि जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां घाटी में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।

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