by-Ravindra Sikarwar
राजस्थान के चूरू जिले में बुधवार शाम (9 जुलाई) को एक दुखद घटना में भारतीय वायुसेना का एक जगुआर लड़ाकू-बमवर्षक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में दो पायलटों, स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंह सिंधु (31) और फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह (23) ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।
जानकारी के अनुसार, स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्र सिंह सिंधु हरियाणा के रोहतक जिले से संबंधित थे, जबकि युवा फ्लाइट लेफ्टिनेंट ऋषि राज सिंह राजस्थान के पाली के निवासी थे।
यह दुर्घटना बुधवार देर शाम जामनगर शहर से 12 किलोमीटर दूर सुवड़ा गांव में हुई। बताया जा रहा है कि विमान में तकनीकी खराबी आ गई थी, जिसके बाद पायलटों को इजेक्ट करना पड़ा। हालांकि, वे दुर्भाग्यवश अपनी जान नहीं बचा पाए। दुर्घटनास्थल के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गए, जिनमें एक जलता हुआ खेत और चारों ओर बिखरा हुआ मलबा दिखाई दे रहा था। दुर्घटनास्थल से मिली तस्वीरों में विमान का कॉकपिट और पूंछ का हिस्सा अलग-अलग स्थानों पर पड़ा हुआ और आग की चपेट में दिखाई दे रहा था। अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हुआ ट्विन-सीटर जगुआर नियमित प्रशिक्षण उड़ान पर था।
भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा, “आज राजस्थान के चूरू के पास एक IAF जगुआर ट्रेनर विमान नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में दोनों पायलटों को घातक चोटें आईं। किसी भी नागरिक संपत्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। IAF को इस जानमाल के नुकसान पर गहरा दुख है और वह दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए जांच न्यायालय का गठन किया गया है।”
2025 में जगुआर का तीसरा हादसा:
यह मार्च 2025 से जगुआर विमान का तीसरा हादसा है।
- 7 मार्च को: अंबाला के पास एक जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें पायलट सुरक्षित बच निकला था। हालांकि, इस घटना ने पुराने विमानों के उड़ान भरने के जोखिमों को उजागर किया था।
- 3 अप्रैल को: जामनगर में एक और दुर्घटना हुई, जिसमें पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव विमान में तकनीकी खराबी के कारण शहीद हो गए थे। अपनी जान गंवाने से पहले उन्होंने आबादी वाले क्षेत्र से विमान को दूर मोड़कर और अपने सह-पायलट को इजेक्ट करवाकर अदम्य साहस का परिचय दिया था।