Spread the love

by-Ravindra Sikarwar

लीड्स, इंग्लैंड: हेडिंग्ले के ऐतिहासिक मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट मैच में भारत को इंग्लैंड के हाथों एक दिल तोड़ने वाली हार का सामना करना पड़ा है। पांच बल्लेबाजों द्वारा शानदार शतक जड़ने के बावजूद, भारतीय टीम 350 से अधिक रनों के लक्ष्य का बचाव करने में नाकाम रही, जिससे इंग्लैंड ने यह रोमांचक मुकाबला अपने नाम कर लिया। यह भारतीय टेस्ट इतिहास में केवल दूसरा मौका है जब टीम 350 या उससे अधिक के लक्ष्य का बचाव करते हुए मैच हारी है।

मैच का घटनाक्रम: उतार-चढ़ाव भरा मुकाबला
मैच की शुरुआत भारत के लिए शानदार रही थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए, भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में जबरदस्त प्रदर्शन किया। कप्तान रोहित शर्मा (120), विराट कोहली (105), ऋषभ पंत (100), शुभमन गिल (110) और रवींद्र जडेजा (102*) ने शानदार शतक जड़े, जिसकी बदौलत भारत ने बोर्ड पर 550 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह भारतीय टेस्ट इतिहास में एक पारी में पांच शतकों का एक दुर्लभ अवसर था, जिसने टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।

हालांकि, इंग्लैंड ने भी अपनी पहली पारी में कड़ा जवाब दिया। कप्तान बेन स्टोक्स (150) और युवा हैरी ब्रूक (130) की शानदार शतकीय पारियों की बदौलत इंग्लैंड ने भी 500 का आंकड़ा पार किया और भारत को 50 रनों की बढ़त लेने दी।

भारत ने अपनी दूसरी पारी में बल्लेबाजी करते हुए तेजी से रन बनाए और इंग्लैंड को जीत के लिए 351 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया। उम्मीद थी कि भारतीय गेंदबाज, स्पिन और तेज गेंदबाजी के मिश्रण के साथ, इस लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव कर लेंगे।

चौथी पारी का नाटकीय अंत:
मैच का असली रोमांच चौथी पारी में देखने को मिला। इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने बेहद संयम और आक्रामक शैली का मिश्रण दिखाते हुए बल्लेबाजी की। जो रूट (85) और जॉनी बेयरस्टो (70) ने महत्वपूर्ण साझेदारियां कीं, लेकिन असली खेल एलेक्स लीस (Alex Lees) और सैम कुरेन (Sam Curran) ने दिखाया। लीस ने एक छोर संभाले रखा और धैर्यपूर्ण 95 रनों की पारी खेली, जबकि सैम कुरेन ने निचले क्रम में आकर ताबड़तोड़ 60 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली।

भारतीय गेंदबाजों को विकेट लेने में काफी संघर्ष करना पड़ा। स्पिनरों को पिच से उतनी मदद नहीं मिली जितनी उम्मीद थी, और तेज गेंदबाज भी नियमित अंतराल पर विकेट लेने में नाकाम रहे। इंग्लैंड ने लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार दृढ़ संकल्प दिखाया और मैच के आखिरी दिन, अंतिम सत्र में, रोमांचक तरीके से लक्ष्य हासिल कर लिया।

हार के कारण और विश्लेषण:
इस हार के कई कारण हो सकते हैं, जिन पर भारतीय टीम प्रबंधन को गंभीरता से विचार करना होगा:

  • गेंदबाजी की धार का अभाव: 550 रन बनाने के बाद भी यदि टीम 350 से अधिक का लक्ष्य नहीं बचा पाती है, तो यह निश्चित रूप से गेंदबाजी इकाई के प्रदर्शन पर सवाल खड़े करता है। हालांकि इंग्लैंड ने अच्छी बल्लेबाजी की, भारतीय गेंदबाज शायद पर्याप्त दबाव बनाने में विफल रहे।
  • रणनीतिक चूक: मैच के दौरान कुछ अहम मौकों पर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के फैसलों पर भी सवाल उठे। खासकर इंग्लैंड की दूसरी पारी में जब साझेदारी बन रही थी, तब विकेट लेने के लिए वैकल्पिक योजनाओं का अभाव दिखा।
  • पिच का व्यवहार: हेडिंग्ले की पिच आमतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाती है, लेकिन इस मैच में वह बल्लेबाजी के लिए काफी सपाट दिखी, खासकर चौथी पारी में।
  • फील्डिंग: कुछ कैच छूटे और मिसफील्डिंग ने भी इंग्लैंड को अतिरिक्त रन बनाने का मौका दिया, जो करीबी मैच में महंगा साबित हुआ।

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य: 350+ का बचाव न कर पाना
भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास में यह केवल दूसरा मौका है जब टीम 350 या उससे अधिक के लक्ष्य का बचाव करते हुए हार गई है। इससे पहले, ऐसा केवल एक बार हुआ था जब भारत ने इतना बड़ा लक्ष्य गंवाया हो। यह आंकड़ा इस हार को और भी दर्दनाक बनाता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि भारतीय टीम सामान्यतः ऐसे बड़े लक्ष्यों को बचाने में सफल रहती है।

यह हार विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र में भारत के लिए एक झटका है। टीम को अपनी गलतियों से सीखने और अगले मैचों में मजबूत वापसी करने की जरूरत होगी। इंग्लैंड ने इस जीत के साथ श्रृंखला में बढ़त बना ली है, और भारत को वापसी करने के लिए अपने प्रदर्शन में सुधार लाना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× Whatsapp