ग्वालियर, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने सिनेमा हॉल में फिल्म के शो का सही समय टिकट पर अंकित करने और दर्शकों पर जबरन विज्ञापन थोपने पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।
कोर्ट के निर्देश:
- हर टिकट पर फिल्म के शो का सही समय लिखा जाए।
- सिनेमा हॉल को विज्ञापन दिखाने की अनुमति, लेकिन दर्शकों को देखने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
- सरकार इस मुद्दे पर नियमों में संशोधन पर विचार करे।
याचिका का आधार
विधि छात्रा स्वाति अग्रवाल द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि थियेटर और मल्टीप्लेक्स में फिल्म का टिकट खरीदने के बावजूद दर्शकों को जबरन 20 से 40 मिनट तक विज्ञापन देखने के लिए मजबूर किया जाता है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 (निजता और स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन है।
फिल्म टिकट भी एक अनुबंध होता है
याचिका में यह भी तर्क दिया गया कि फिल्म टिकट एक कानूनी अनुबंध होता है, जिसमें फिल्म शुरू होने के समय की स्पष्ट जानकारी दी जाती है। इसके बावजूद मल्टीप्लेक्स जानबूझकर शो में देरी करते हैं और विज्ञापनों से लाभ कमाते हैं।
सरकार को निर्देश
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिवक्ता योगेश चतुर्वेदी को निर्देश दिया कि वे इस याचिका की प्रति सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में जमा करें। साथ ही, मंत्रालय से कहा गया है कि वह इस मुद्दे पर आवश्यक नियमों में संशोधन पर विचार करे।
दर्शकों को मिलेगी राहत
इस फैसले से सिनेमा प्रेमियों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब वे अपने टिकट पर शो का सही समय देख सकेंगे और अनावश्यक विज्ञापनों से बच सकेंगे।