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नई दिल्ली/पहलगाम: पहलगाम आतंकी हमले के बाद जांच एजेंसियां तेजी से कार्रवाई कर रही हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस हमले से जुड़े हर पहलू की गहराई से छानबीन कर रही है। इसी सिलसिले में, NIA ने जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत के कई गुटों और जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों के ठिकानों पर छापेमारी की है।

NIA के सूत्रों के अनुसार, अब तक की छापेमारी में जांच एजेंसी को कई आपत्तिजनक और राष्ट्रविरोधी सामग्रियां मिली हैं। सूत्रों का मानना है कि इन प्रतिबंधित संगठनों ने हमले में शामिल आतंकवादियों के लिए ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) का एक नेटवर्क बनाने में सहायता की थी। हालांकि, NIA अभी इस पहलू की जांच कर रही है। छापेमारी किए गए लोगों के कॉल रिकॉर्ड्स भी खंगाले जा रहे हैं। NIA सूत्रों के मुताबिक, ऐसे ठोस सबूत मिले हैं जिनसे पता चलता है कि इन प्रतिबंधित संगठनों के कुछ लोगों का ओवरग्राउंड वर्कर्स के साथ लगातार संपर्क था।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, NIA की जांच में यह भी सामने आया है कि हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादी 15 अप्रैल को ही पहलगाम पहुंच गए थे। NIA को आतंकियों की मदद करने वालों से यह भी जानकारी मिली है कि आतंकवादियों के निशाने पर पहलगाम के अलावा तीन अन्य स्थान भी थे। हमले से पहले घाटी में तीन सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया था।

आतंकियों ने 3 जगहों की रेकी की थी
इन आतंकवादियों ने एक साथ तीन अन्य स्थानों की भी रेकी की थी। लेकिन उन तीन जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होने के कारण आतंकवादी वहां हमला करने में सफल नहीं हो सके। सूत्रों के अनुसार, पहलगाम के अलावा आतंकवादियों के निशाने पर आरु घाटी, एम्यूजमेंट पार्क और बेताब घाटी भी थे।

NIA की जांच में अब तक लगभग 20 ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से कई को गिरफ्तार कर लिया गया है। चार ओवर ग्राउंड वर्कर्स ने पाकिस्तानी आतंकवादियों को रेकी करने में मदद की थी। हमले के दौरान इस्तेमाल किए गए तीन सैटेलाइट फोन में से दो के सिग्नल जांच एजेंसियों ने ट्रेस कर लिए हैं। 2500 संदिग्धों में से 186 लोगों को अभी भी हिरासत में रखा गया है, जिनसे पूछताछ जारी है।

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