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रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 4 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे। इस दौरान वे राज्य के वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के साथ नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही, 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने की रणनीति पर चर्चा होगी। गृहमंत्री 5 अप्रैल को दंतेवाड़ा में पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में भी शिरकत करेंगे।

नक्सल उन्मूलन अभियान पर विशेष जोर
सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह 4 अप्रैल की शाम रायपुर में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें नक्सल विरोधी अभियानों की हालिया प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा होगी। शाह ने कई बार नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। सरकार ने आत्मसमर्पण करने वालों के पुनर्वास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनमें आर्थिक सहायता, रोजगार और शिक्षा की सुविधाएं शामिल हैं।

नक्सल विरोधी अभियानों में बड़ी सफलता
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में अब तक छत्तीसगढ़ में 130 से अधिक नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से 110 से अधिक बस्तर संभाग के सात जिलों—बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा, बस्तर और कोंडागांव में मारे गए। इसके अलावा, देशभर में 105 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया और 164 ने आत्मसमर्पण किया है।

2024 में छत्तीसगढ़ में 290 नक्सली मारे गए थे, 1,090 को गिरफ्तार किया गया और 881 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। अब तक 15 शीर्ष नक्सली नेताओं को भी मार गिराया गया है, जिससे नक्सली संगठनों को भारी नुकसान हुआ है।

बस्तर में पंडुम महोत्सव में लेंगे हिस्सा
5 अप्रैल को अमित शाह दंतेवाड़ा में पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे। यह महोत्सव बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं का हिस्सा है। इस दौरान शाह नक्सल प्रभावित परिवारों से भी मुलाकात कर सकते हैं और क्षेत्र में जारी विकास परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे।

नक्सलवाद विरोधी रणनीति
अमित शाह की नक्सल विरोधी रणनीति में तीन मुख्य बिंदु शामिल हैं:

  1. नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करना।
  2. हिंसा में लिप्त नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई।
  3. प्रभावित क्षेत्रों में तेज़ी से विकास कार्यों का विस्तार।

छत्तीसगढ़ सरकार ने नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वालों को रोजगार, आर्थिक सहायता और शिक्षा की सुविधाएं देने का प्रावधान किया है। इस नीति का सकारात्मक असर दिख रहा है, क्योंकि हाल के महीनों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या बढ़ी है।

बस्तर में देखने को मिल सकता है बदलाव
सरकार का मानना है कि सुरक्षा अभियानों और विकास कार्यों के समन्वय से नक्सलवाद को समाप्त किया जा सकता है। बस्तर में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।

अमित शाह के इस दौरे से स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि बस्तर जल्द ही नक्सल मुक्त होगा और विकास की एक नई पहचान स्थापित करेगा।

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