by-Ravindra Sikarwar
भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, भारतीय वायु सेना के जाबांज ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष के लिए सफल उड़ान भरी है। वह इस मिशन के चालक दल के सदस्य के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए हैं। इस मिशन का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि उन्हें अंतरिक्ष में ले जाने वाला SpaceX Falcon 9 रॉकेट का बूस्टर लॉन्च के 8 मिनट बाद ही सुरक्षित रूप से धरती पर वापस लौट आया।
सफल लॉन्च और रॉकेट की वापसी:
SpaceX के शक्तिशाली Falcon 9 रॉकेट ने निर्धारित समय पर उड़ान भरी और शुभांशु शुक्ला सहित Axiom-4 मिशन के अन्य सदस्यों को लेकर अंतरिक्ष की ओर बढ़ा। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशन है जिसमें एक बहु-राष्ट्रीय दल के सदस्य शामिल हैं।
इस लॉन्च की सबसे बड़ी खासियत रॉकेट के पहले चरण (बूस्टर) का सफल पुन: उपयोग (reusability) है। उड़ान भरने के ठीक 8 मिनट बाद, रॉकेट का बूस्टर अटलांटिक महासागर में स्थित एक ड्रोनशिप पर सफलतापूर्वक और एकदम सटीक तरीके से वापस लौट आया। यह SpaceX की तकनीक का एक शानदार प्रदर्शन है, जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रा की लागत को काफी कम करने में मददगार साबित होगा।
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए बड़ी उपलब्धि:
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह उड़ान भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण पड़ाव है। वे उन चार पायलटों में से एक हैं, जिन्हें भारत के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए चुना गया है। इस मिशन के लिए उन्हें गहन प्रशिक्षण भी दिया गया है।
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के अंतरिक्ष में बढ़ते कदमों को दर्शाता है और यह ‘गगनयान’ मिशन के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन है। Axiom-4 मिशन से मिलने वाला अनुभव और डेटा भविष्य में भारत के अपने मानव अंतरिक्ष मिशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। यह सफल लॉन्च अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती उपस्थिति को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।