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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण नदी अरपा में लगातार हो रहे अवैध उत्खनन और इसके संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इन याचिकाओं पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान बिलासपुर नगर निगम ने न्यायालय को अरपा नदी को साफ-सुथरा रखने के लिए तैयार की गई एक महत्वपूर्ण परियोजना के संबंध में जानकारी दी।

नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अरपा नदी के संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए एक विस्तृत परियोजना तैयार की गई है। इस परियोजना को नगर निगम की मेयर-इन-काउंसिल (MIC) और सामान्य सभा में विधिवत मंजूरी प्रदान कर दी गई है। निगम ने कोर्ट को यह भी आश्वासन दिया कि इस परियोजना पर जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ने नदी में हो रहे अवैध उत्खनन पर चिंता जताई और इस पर प्रभावी रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन से नदी के स्वरूप और पर्यावरण पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

हाईकोर्ट ने नगर निगम द्वारा प्रस्तुत जानकारी को संज्ञान में लेते हुए निगम को परियोजना के क्रियान्वयन की समय-सीमा और उठाए जाने वाले कदमों के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि नदी में अवैध उत्खनन को रोकने के लिए ठोस और प्रभावी उपाय सुनिश्चित किए जाएं।

अरपा नदी बिलासपुर शहर और आसपास के क्षेत्रों के लिए जीवनदायिनी है। नदी में लगातार हो रहे अवैध उत्खनन और प्रदूषण के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और पर्यावरणविदों द्वारा नदी के संरक्षण के लिए लगातार आवाज उठाई जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप हाईकोर्ट में यह जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं।

इस मामले की अगली सुनवाई में नगर निगम को अपनी कार्य योजना और उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी कोर्ट को देनी होगी। हाईकोर्ट इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है और उम्मीद है कि कोर्ट के हस्तक्षेप से अरपा नदी के संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे और नदी को उसके पुराने स्वरूप में वापस लाने के प्रयास सफल होंगे।

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