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इंदौर, मध्य प्रदेश: नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) के परिणामों पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने अंतरिम रोक लगा रखी थी। इस मामले में सोमवार, 19 मई को हुई सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अपना जवाब प्रस्तुत किया। यह मामला परीक्षा के दौरान इंदौर में कई केंद्रों पर बिजली गुल होने से छात्रों के प्रभावित होने से जुड़ा है।

परीक्षा के दिन का घटनाक्रम
दरअसल, 4 मई को NEET UG परीक्षा के दौरान इंदौर में अचानक तेज हवा और बारिश शुरू हो गई थी। इस अप्रत्याशित मौसम बदलाव के कारण शहर के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। इंदौर के 49 परीक्षा केंद्रों में से 11 केंद्रों पर बिजली पूरी तरह से गुल हो गई और अंधेरा छा गया। इन केंद्रों पर लगभग 600 से अधिक छात्र परीक्षा दे रहे थे, जो सीधे तौर पर इस बिजली कटौती से प्रभावित हुए।

छात्रों की परेशानी और एनटीए का जवाब
बिजली चले जाने के कारण कई छात्रों को मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी में अपना प्रश्न पत्र हल करना पड़ा। अंधेरे के कारण कई छात्र प्रश्नपत्र को ठीक से पढ़ नहीं पाए, जिससे उनकी परीक्षा प्रभावित हुई। परीक्षा के बाद कई छात्र हताश होकर केंद्रों से बाहर निकले और उन्होंने बताया कि उनकी कड़ी मेहनत खराब व्यवस्था के कारण खतरे में पड़ गई है। यह पहला अवसर था जब एनटीए ने सरकारी स्कूलों में परीक्षा केंद्र बनाए थे, जहां पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं थी।

एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को कोर्ट में जवाब पेश किया। उन्होंने कहा कि अगर पूरे परिणाम पर रोक लगा दी जाती है, तो देश भर के लाखों छात्र प्रभावित होंगे। उन्होंने कोर्ट को सूचित किया कि बिजली कटने से प्रभावित 11 केंद्रों की रिपोर्ट पर दो दिन में जवाब दिया जाएगा।

15 से अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई
इस मामले में शनिवार को पांच और याचिकाएं दायर की गई थीं, जिन्हें पूर्व में दायर याचिकाओं के साथ मर्ज कर दिया गया है। इस प्रकार, कुल 15 से अधिक याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने एनटीए के जवाब से संतुष्ट न होने पर NEET UG के अंतरिम परिणाम पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जब तक अंतिम निर्णय नहीं आता, तब तक परिणाम जारी नहीं किया जाए।

आगे की राह और छात्रों की चिंताएं
16 मई को हुई पिछली सुनवाई में एनटीए की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखा था। उन्होंने दलील दी थी कि यदि पूरे परिणाम को रोका गया तो सैकड़ों छात्र प्रभावित होंगे। याचिकाकर्ता के वकील मृदुल भटनागर ने बताया कि पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने एनटीए, बिजली कंपनी और परीक्षा केंद्र को नोटिस भेजे हैं। सभी को 30 जून तक अपना जवाब दाखिल करना होगा।

यह स्थिति उन छात्रों के लिए चिंताजनक है, जिनका भविष्य इस परीक्षा से जुड़ा है। NEET के अलावा मेडिकल, नर्सिंग, वेटरनरी, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक कॉलेजों में प्रवेश का कोई और विकल्प नहीं है, ऐसे में यह स्थिति छात्रों के पूरे साल को बर्बाद कर सकती है।

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