
MP: ग्वालियर शहर की वर्षों पुरानी जल संकट की समस्या को दूर करने के लिए चंबल और कोतवाल बांध से पानी लाने की योजना पर अब तेजी से काम शुरू हो गया है। इस परियोजना के तहत करीब 43 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे अगले 30 वर्षों तक शहर की पेयजल आवश्यकता पूरी की जा सकेगी।
458 करोड़ की लागत से बन रहा प्रोजेक्ट
ग्वालियर नगर निगम ने 24 मार्च 2024 को इस महत्वाकांक्षी योजना का कार्य इनविराड प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा है। लगभग ₹458.68 करोड़ की लागत वाली इस योजना को 24 महीने की अवधि में पूरा किया जाना है।
योजना के अंतर्गत ग्वालियर को प्रतिदिन 150 मिलियन लीटर (MLD) पानी की आपूर्ति की जाएगी, जिससे तेजी से बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।
कहां से और कैसे आएगा पानी?
चंबल नदी का पानी मुरैना नगर निगम के इंटेकवेल से लिया जाएगा और मुरैना जिले के देवरी गांव स्थित जल शोधन संयंत्र (वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट) तक पहुंचाया जाएगा।
- देवरी से प्रतिदिन 90 MLD पानी भेजा जाएगा।
- इसके साथ कोतवाल बांध से 60 MLD पानी अतिरिक्त रूप से जोड़ा जाएगा। दोनों लाइनें एक साथ जुड़कर ग्वालियर शहर में जल वितरण करेंगी।
किन क्षेत्रों में बिछाई जा रही पाइपलाइन?
- मुरैना: 7.5 किलोमीटर क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाने के लिए पहले से ड्राइंग व डिजाइन तैयार की गई थी। अब वहां खुदाई का कार्य जारी है।
- नूराबाद: सर्विस रोड किनारे 2 किलोमीटर तक खुदाई कर डक्ट तैयार की जा रही है।
- बानमोर: हाईवे के पास 3.5 किलोमीटर लंबाई में खुदाई कर पाइपलाइन डालने का कार्य आरंभ हो चुका है।
कुल मिलाकर, परियोजना के तहत 43 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी।
चंबल जल परियोजना: प्रमुख पड़ाव
6 अक्टूबर 2023: तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराज बाड़ा से योजना की घोषणा की।
16 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में योजना का भूमिपूजन किया।
24 दिसंबर 2024: परियोजना के कार्यादेश (वर्क ऑर्डर) जारी किए गए।
6 फरवरी 2025: परियोजना का निर्माण कार्य औपचारिक रूप से शुरू हुआ।
फायदे क्या होंगे?
- ग्वालियर शहर को वर्षभर पर्याप्त और नियमित जल आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
- गर्मियों में जल संकट की समस्या से राहत मिलेगी।
- आने वाले 30 वर्षों तक बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने में यह योजना सहायक होगी।