7 साल के बच्चे को 100 टांके! ग्वालियर में आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा, हाई कोर्ट ने उठाया कदम
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ग्वालियर शहर में आवारा कुत्तों के कारण हो रही परेशानी और कुत्तों के काटने की घटनाओं को लेकर एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई करते हुए नगर निगम आयुक्त से इस समस्या का ठोस समाधान पेश करने को कहा है। कोर्ट ने यह निर्देश देते हुए कहा कि अगली सुनवाई तक इस मामले में स्पष्ट कार्रवाई की जाए।

क्या है मामला?

यह मामला ग्वालियर शहर में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे को लेकर है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि नगर निगम आयुक्त ने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 355 के तहत आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं। इसकी वजह से कुत्तों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।

याचिका में एक 7 साल के बच्चे का उदाहरण दिया गया, जिसे आवारा कुत्तों ने काट लिया था और उसे सर्जरी के दौरान 100 से ज्यादा टांके लगे। इसके अलावा, कई बुजुर्गों पर भी आवारा कुत्तों ने हमला किया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में संज्ञान लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

नगर निगम की कार्रवाई पर सवाल

याचिका में कहा गया कि नगर निगम ने इस मामले को देखने के लिए एक समिति का गठन किया था, लेकिन अब तक कोई एक्शन प्लान सामने नहीं आया है। नगर निगम केवल जानवरों के जन्म नियंत्रण और नसबंदी पर ध्यान दे रहा है, जबकि समस्या इससे कहीं ज्यादा गंभीर है।

कोर्ट का निर्देश

मामले की सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या और उनके लोगों के साथ लगातार हो रही झड़पों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त से अगली सुनवाई तक इस मामले में ठोस समाधान पेश करने को कहा।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि वे एक सार्वजनिक मुद्दे को उठा रहे हैं और अपनी मंशा को साबित करने के लिए ग्वालियर जिले के हिलॉक गांव अलापुर में 50 पौधे लगाएंगे

अगली सुनवाई मई में

मामले की अगली सुनवाई मई में होगी। इससे पहले नगर निगम को कोर्ट के सामने अपनी कार्रवाई का ब्योरा पेश करना होगा।

मुख्य बिंदु:

  • आवारा कुत्तों के कारण बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित।
  • नगर निगम ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
  • कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त से अगली सुनवाई तक समाधान पेश करने को कहा।

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