by-Ravindra Sikarwar
ग्वालियर: अगर आप भी अचलेश्वर रोड पर लगे सड़क किनारे के रेस्तरां और ठेलों से चटपटा खाना खाने के शौकीन हैं, तो सावधान हो जाइए। यहां बिक रहा भोजन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, क्योंकि कई दुकानों पर घटिया और मिलावटी तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इन स्टॉल्स पर खाद्य सुरक्षा विभाग की नियमित जांच लगभग न के बराबर रही है। हालांकि, हाल ही में एक जागरूक ग्राहक की पहल पर विभाग को मौके पर जाकर नमूने लेने पड़े।
ग्राहक की शिकायत पर हुई कार्रवाई:
अचलेश्वर रोड पर स्थित एक फूड स्टॉल से राजेश अग्रवाल नामक व्यक्ति ने पाव भाजी और डोसा खाया। खाना खाने के कुछ ही समय बाद उनकी तबियत बिगड़ गई। उन्हें शक हुआ कि भोजन में मिलावटी तेल या घी का इस्तेमाल किया गया था।
राजेश ने पहले सीधे खाद्य सुरक्षा अधिकारी से शिकायत की, लेकिन उनकी शिकायत को कथित तौर पर अनसुना कर दिया गया। बाद में उन्होंने अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की मदद ली, जिसके बाद शिकायत को गंभीरता से लिया गया और एक टीम को मौके पर भेजा गया।
मौके पर लिए गए तेल और घी के नमूने:
खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने अचलेश्वर रोड पर स्थित तीन फूड स्टॉल्स – साउथ इंडियन मद्रासी डोसा, श्रीराम पाव भाजी और मिर्ची इंडियन फूड – पर कार्रवाई करते हुए तेल, घी और मक्खन के नमूने लिए।
सतीश धाकड़, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, ने बताया कि: “शिकायत मिलते ही हमने मौके पर पहुंचकर नमूने लिए हैं। अब ये नमूने भोपाल की लैब में भेजे जाएंगे। अगर जांच में कोई भी नमूना घटिया पाया गया, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
मंत्री और आम नागरिक के प्रति खाद्य विभाग का अलग रवैया:
यह गौरतलब है कि पिछले महीने जब स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने सिटी सेंटर के क्वालिटी रेस्टोरेंट का दौरा किया था, तो उसी रात तत्काल नमूने लेकर जांच की गई थी और तेल को घटिया भी घोषित कर दिया गया था।
लेकिन आम नागरिक की शिकायत पर अब अधिकारी कह रहे हैं कि जांच रिपोर्ट आने में एक महीने का समय लगेगा, जिसके बाद ही कार्रवाई की जाएगी। प्रतिक्रिया समय में यह असमानता सार्वजनिक स्वास्थ्य शिकायतों को दी जाने वाली प्राथमिकता पर सवाल खड़े करती है।