
श्योपुर (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान से एक अत्यंत सुखद खबर आई है। दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता निर्वा ने पांच स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। इस खुशखबरी को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वनमंत्री भूपेंद्र यादव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है।
मादा चीता निर्वा, जिसकी उम्र साढ़े पांच साल है, को 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से भारत लाया गया था। वर्तमान में वह कूनो राष्ट्रीय उद्यान के एक बड़े बाड़े में रह रही थी। रविवार को उसने सफलतापूर्वक पांच शावकों को जन्म देकर भारतीय वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज कराई है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक्स पर अपनी पोस्ट में इस खबर को साझा करते हुए लिखा, “यह बताते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान में मादा चीता निर्वा ने 5 शावकों को जन्म दिया है। यह वन्यजीव संरक्षण के हमारे प्रयासों की एक बड़ी सफलता है। मैं इस उपलब्धि के लिए वन विभाग और सभी संबंधितों को बधाई देता हूं।”
वहीं, केंद्रीय वनमंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस खबर पर खुशी जताते हुए एक्स पर लिखा, “कूनो में खुशियां! मादा चीता निर्वा ने 5 शावकों को जन्म दिया है। यह भारत के चीता पुनर्वास परियोजना के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में हमारे प्रयास रंग ला रहे हैं।”
निर्वा का सफलतापूर्वक पांच शावकों को जन्म देना कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के पुनर्वास परियोजना के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है। यह दर्शाता है कि दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीते भारतीय वातावरण के अनुकूल ढल रहे हैं और प्रजनन करने में सक्षम हैं। इन नए शावकों के जुड़ने से कूनो में चीतों की संख्या में वृद्धि होगी और इस लुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण के प्रयासों को और मजबूती मिलेगी।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि निर्वा और उसके शावक स्वस्थ हैं और उनकी निगरानी लगातार की जा रही है। उन्होंने इस सफलता को टीम के समर्पण और प्रयासों का परिणाम बताया है।
यह उल्लेखनीय है कि भारत में चीतों की आबादी लगभग विलुप्त हो गई थी, जिसके बाद सरकार ने इस प्रजाति को फिर से बसाने के लिए ‘प्रोजेक्ट चीता’ शुरू किया। इस परियोजना के तहत नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को लाकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बसाया गया है। निर्वा का यह सफल प्रसव इस परियोजना की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और देश में चीतों की आबादी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।