
बालाघाट: बालाघाट जिले के हटा थाना क्षेत्र में आदिवासी बच्चियों के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने एक बार फिर आदिवासी समुदायों की सुरक्षा और न्याय के प्रति संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार से मुलाकात की और सरकार से न्याय की मांग की है।
पीड़ित परिवार से मुलाकात और स्थिति का जायजा:
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया कि उन्होंने दुगल गांव में पीड़ित आदिवासी परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि यह परिवार बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में आता है और कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है। उन्होंने गांव में बिजली की कमी और शिक्षा की दयनीय स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की।
सरकार से न्याय और सहायता की मांग:
उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है। उन्होंने सरकार से एक विशेष सहायता कोष स्थापित करने का भी आग्रह किया ताकि पीड़ित परिवार को आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान की जा सके। उन्होंने कहा कि यह घटना आदिवासी समुदाय के प्रति सरकार की संवेदनशीलता की परीक्षा है।
घटना का विवरण:
यह घटना बालाघाट जिले के हटा थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई, जहां कुछ दरिंदों ने आदिवासी बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाया। इस घटना ने क्षेत्र में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन से आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने पीड़ित बच्चियों का मेडिकल परीक्षण कराया है और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
आदिवासी समुदाय में आक्रोश:
इस घटना ने आदिवासी समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। समुदाय के लोगों ने सरकार और प्रशासन से पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने और आदिवासी बच्चियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने आरोपियों को कड़ी सजा देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
इस घटना पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। विपक्षी दलों ने सरकार पर आदिवासी समुदायों की सुरक्षा में विफल रहने का आरोप लगाया है और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।
आगे की कार्रवाई:
इस मामले में पुलिस जांच जारी है और प्रशासन पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने भी इस घटना को गंभीरता से लिया है और आरोपियों को कड़ी सजा देने का आश्वासन दिया है।