by-Ravindra Sikarwar
ग्वालियर पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को कभी गृह मंत्रालय का अधिकारी तो कभी CBI अफसर बताकर लोगों से लाखों रुपये की ठगी की। जनकगंज थाना पुलिस ने इस फर्जी CBI ऑफिसर को पकड़ा है, जिसके पास से जाली आई-कार्ड और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं।
ठगी का पूरा मामला:
जानकारी के अनुसार, फरियादी अमित रावत ने जनकगंज थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अमित रावत ने पुलिस को बताया कि मोहित शेखावत नाम के एक शख्स ने खुद को गृह मंत्रालय में अधिकारी या CBI अधिकारी बताकर उसे फूड इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी लगवाने का झांसा दिया। इतना ही नहीं, आरोपी ने अमित को एक फर्जी नियुक्ति पत्र भी बनाकर दिया था, ताकि उसे अपनी बातों पर विश्वास हो जाए।
अमित रावत के अनुसार, मोहित शेखावत ने नौकरी लगवाने के नाम पर उससे 9 लाख रुपये नकद लिए। इसके अलावा, आरोपी ने चालाकी से फरियादी के नाम पर एक कार भी फाइनेंस करवा ली थी, जिससे पीड़ित को और भी बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की पहचान:
फरियादी अमित रावत की शिकायत मिलने के बाद जनकगंज थाना पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस ने जब इस मामले की गहराई से पड़ताल की, तो मोहित शेखावत की असली पहचान सामने आई। जांच में पता चला कि उसका असली नाम मनोज श्रीवास है।
पुलिस ने मनोज श्रीवास को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ कर रही है। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी के पास से फर्जी पहचान पत्र (आई-कार्ड) और अन्य कई महत्वपूर्ण जाली दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जो उसकी ठगी की गतिविधियों में शामिल होने की पुष्टि करते हैं।
जांच का दायरा बढ़ा:
पुलिस अब इस पूरे मामले में और भी गहराई से जांच कर रही है। पुलिस का मुख्य मकसद यह पता लगाना है कि मनोज श्रीवास ने कितने अन्य लोगों के साथ इस तरह की ठगी की है। आशंका है कि आरोपी ने नौकरी का झांसा देकर कई और बेरोजगार युवाओं को अपना शिकार बनाया होगा। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस ठगी के रैकेट में मनोज श्रीवास के साथ कोई और भी शामिल है।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर कोई भी व्यक्ति इस तरह के फर्जी अधिकारी के झांसे में आया हो या ठगी का शिकार हुआ हो, तो वह तुरंत पुलिस से संपर्क करे।