
भोपाल: मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन में सामने आए फर्जी नियुक्ति मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में पिछले महीने मामला दर्ज होने के बाद मिशन की राज्य परियोजना प्रबंधक डॉ. सुषमा मिश्रा (जिन्हें सुषमा रानी शुक्ला के नाम से भी जाना जाता है) की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई हैं। मिशन के संयुक्त संचालक राकेश कुमार शुक्ला ने इस संबंध में आधिकारिक पत्र जारी कर दिया है।
गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू ने एक शिकायत के आधार पर ग्रामीण आजीविका मिशन में लगभग 10 साल पहले हुए भर्ती घोटाले में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) ललित मोहन बेलवाल, राज्य परियोजना प्रबंधक सुषमा मिश्रा, विकास मिश्रा और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। यह शिकायत मिशन में हुई अनियमितताओं और अपारदर्शी तरीके से की गई नियुक्तियों से संबंधित थी।
मामला दर्ज होने के बाद ईओडब्ल्यू ने इस भर्ती घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज आजीविका मिशन से तलब किए हैं। इसी बीच, फर्जी नियुक्ति मामले में नाम आने के कारण डॉ. सुषमा मिश्रा की संविदा (अनुबंध) पर आधारित नियुक्ति समाप्त कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, डॉ. सुषमा मिश्रा की संविदा अवधि को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन फर्जी नियुक्ति मामले में एफआईआर दर्ज होने के कारण उनकी सेवा वृद्धि को मंजूरी नहीं दी गई।
पूर्व सीईओ बेलवाल की गिरफ्तारी की संभावना:
फर्जी नियुक्ति मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद मुख्य आरोपी ललित मोहन बेलवाल की गिरफ्तारी की संभावना बढ़ गई है। गिरफ्तारी से बचने के लिए बेलवाल ने न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही, सुषमा मिश्रा की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं, क्योंकि यह आरोप है कि बेलवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान नियमों का उल्लंघन करते हुए सुषमा मिश्रा को फर्जी तरीके से नियुक्ति दी थी और उनकी वेतन में भी अनियमित रूप से वृद्धि की थी।
इस पूरे मामले का खुलासा लगभग दो साल पहले आईएएस अधिकारी नेहा मारव्या की जांच रिपोर्ट में हो चुका था। हालांकि, पिछली सरकार में कुछ प्रभावशाली अधिकारियों के दबाव के कारण इस मामले में कार्रवाई की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी रही। अब ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज होने और सुषमा मिश्रा की सेवा समाप्त होने के बाद, उम्मीद है कि इस भर्ती घोटाले में शामिल अन्य दोषियों के खिलाफ भी जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना मध्य प्रदेश आजीविका मिशन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है और भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को दर्शाती है।