
उत्तर प्रदेश का दबदबा कायम: लगातार चौथे वर्ष भी दिए शीर्षस्थ प्रतिभागी
जालौन/संत कबीरनगर: विपरीत परिस्थितियों को मात देकर सफलता की नई इबारत लिखने वाले युवाओं की प्रेरणादायक कहानियों से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा-2024 का अंतिम परिणाम भरा पड़ा है। इस बार, उत्तर प्रदेश के दो ऐसे बेटों ने अपनी लगन और मेहनत से इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की है, जिनकी पृष्ठभूमि अत्यंत साधारण रही है। जालौन के अश्वनी शुक्ला, जिनके पिता एक टेलीविजन मैकेनिक हैं, और संत कबीरनगर के इकबाल, जिनके पिता सड़क किनारे पंक्चर की दुकान चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, ने अपनी असाधारण प्रतिभा का परिचय देते हुए UPSC में अपना स्थान सुनिश्चित किया है।
अश्वनी शुक्ला और इकबाल की यह सफलता न केवल उनके परिवारों के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए भी एक उम्मीद की किरण है जो संसाधनों की कमी के बावजूद बड़े सपने देखते हैं। अश्वनी के पिता, जो दिनभर टीवी ठीक कर अपने परिवार का सहारा बनते हैं, ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि उनका बेटा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक में अधिकारी बनेगा। इसी तरह, इकबाल के पिता, जो तपती धूप और सर्द रातों में सड़कों पर टायर बदलते हैं, आज अपने बेटे की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं।
इन दोनों युवाओं की कहानी यह दर्शाती है कि सच्ची प्रतिभा और दृढ़ संकल्प किसी भी आर्थिक या सामाजिक बाधा को पार कर सकते हैं। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी पढ़ाई जारी रखी और अपनी मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। उनकी सफलता उन लोगों के लिए एक करारा जवाब है जो यह मानते हैं कि उच्च पदों पर केवल विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि के लोग ही पहुँच सकते हैं।
इस वर्ष के परिणाम एक बार फिर उत्तर प्रदेश की प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। यह लगातार चौथा वर्ष है जब इस प्रदेश के युवाओं ने UPSC की सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किए हैं। यह सिलसिला प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और युवाओं के बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है। पिछले वर्षों में भी उत्तर प्रदेश के कई युवाओं ने अपनी मेहनत और लगन से इस परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, जिससे यह धारणा मजबूत होती जा रही है कि उत्तर प्रदेश अब देश की प्रशासनिक सेवाओं के लिए प्रतिभा का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और युवाओं को अब अपने सपनों को साकार करने के लिए बेहतर अवसर मिल रहे हैं। इसके साथ ही, ऑनलाइन शिक्षा और कोचिंग संस्थानों की उपलब्धता ने भी दूर-दराज के छात्रों को तैयारी करने में मदद की है। अश्वनी और इकबाल जैसे युवाओं की सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि सही दिशा में प्रयास किया जाए तो किसी भी पृष्ठभूमि का व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है।
अश्वनी शुक्ला और इकबाल की यह कहानी निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी और उन्हें यह विश्वास दिलाएगी कि मेहनत और लगन से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। उनकी सफलता एक बार फिर यह साबित करती है कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, बस उसे सही अवसर और प्रोत्साहन मिलने की आवश्यकता है। यह खबर न केवल इन दो परिवारों के लिए खुशियों की सौगात लेकर आई है, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है।