by-Ravindra Sikarwar
ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में बिजली कटौती की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद कल देर रात अचानक औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें कई इलाकों में चार घंटे तक बिजली गुल मिली, जिसके बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक जूनियर इंजीनियर को निलंबित कर दिया। मंत्री तोमर ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और भविष्य में ऐसी लापरवाही बर्दाश्त न करने की चेतावनी दी।
बिजली कटौती की शिकायतों पर सीधी कार्रवाई
ग्वालियर के नागरिकों को लंबे समय से हो रही बिजली कटौती से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने देर रात खुद ही मोर्चा संभाला। उन्होंने शहर के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया, जहां उन्होंने पाया कि कई इलाकों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप थी और लोग अंधेरे में रहने को मजबूर थे। इस स्थिति को देखकर मंत्री तोमर ने तुरंत संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा। संतोषजनक उत्तर न मिलने और मौके पर बिजली बहाल करने में देरी के कारण उन्होंने एक जूनियर इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया।
जन-जुड़ाव के लिए अनूठा संकल्प
निरीक्षण के दौरान मंत्री तोमर ने आम जनता से सीधे संवाद किया और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे आम आदमी की परेशानियों को करीब से समझना चाहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने एक अनोखी घोषणा की। उन्होंने कहा कि वे अब से टेंट में रहेंगे और बिना प्रेस किए कपड़े पहनेंगे। इस निर्णय के पीछे उनका उद्देश्य आम लोगों के जीवन को करीब से अनुभव करना और यह दिखाना है कि वे उनकी समस्याओं के प्रति कितने गंभीर हैं। यह कदम उनके जन-प्रतिनिधि के रूप में जन-जुड़ाव और सादगी को दर्शाता है।
ग्वालियर में बिजली व्यवस्था सुधारने पर जोर
ऊर्जा मंत्री के इस औचक निरीक्षण और सख्त कार्रवाई से ग्वालियर में बिजली व्यवस्था को लेकर एक कड़ा संदेश गया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि बिजली आपूर्ति में लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री तोमर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि बिजली कटौती कम से कम हो और नागरिकों को निर्बाध बिजली मिल सके। आने वाले दिनों में ग्वालियर की बिजली व्यवस्था में सुधार देखने को मिल सकता है, क्योंकि मंत्री ने स्वयं इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके इस अनूठे संकल्प का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है और क्या यह बिजली संकट को हल करने में मदद करता है।