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by-Ravindra Sikarwar

नई दिल्ली/आईबीएनएस: मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली और मुंबई में उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े 35 परिसरों पर मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले के संबंध में छापेमारी की।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई दो प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की प्रारंभिक जांच में “बैंकों, शेयरधारकों, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को धोखा देकर सार्वजनिक धन की हेराफेरी करने की एक सुविचारित और सुनियोजित योजना” का खुलासा हुआ है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यस बैंक लिमिटेड के पूर्व प्रमोटरों सहित वरिष्ठ अधिकारियों को बड़े असुरक्षित ऋणों के लिए रिश्वत दी गई थी।

यस बैंक ने कथित तौर पर रिलायंस अनिल अंबानी समूह के तहत आने वाली संस्थाओं को 3,000 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए थे।

ईडी को संदेह है कि यस बैंक के प्रमुख अधिकारियों को समूह को अनियमित ऋणों की सुविधा प्रदान करने के लिए व्यक्तिगत भुगतान प्राप्त हुए थे।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी), राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) जैसे नियामक और वित्तीय निकायों ने अनियमित ऋणों और अपनी स्वयं की जांच के निष्कर्षों का विवरण केंद्रीय जांच एजेंसी को प्रदान किया है।

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