by-Ravindra Sikarwar
भुवनेश्वर, ओडिशा: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने ओडिशा में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक उप निदेशक को कथित तौर पर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एक खनन व्यवसायी से जुड़े मामले में हुई है, जिससे कथित तौर पर बड़ी रकम की रिश्वत की मांग की गई थी।
गिरफ्तारी और आरोप:
गिरफ्तार किए गए अधिकारी की पहचान चिंतन रघुवंशी के रूप में हुई है, जो 2013 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी हैं। सीबीआई ने गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार (29 मई, 2025) को एक जाल बिछाया था, जिसके बाद रघुवंशी को भुवनेश्वर में रिश्वत की पहली किस्त लेते हुए पकड़ा गया। अधिकारियों के अनुसार, रघुवंशी पर एक खनन व्यवसायी से 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है, ताकि उसके खिलाफ चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में उसे “राहत” मिल सके। 20 लाख रुपये कथित तौर पर इसी सौदे की पहली किश्त थी।
जांच और कानूनी कार्रवाई:
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इस मामले में आगे की जांच जारी है। रघुवंशी को गिरफ्तारी के बाद गहन पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। सीबीआई इस मामले में अन्य संभावित संलिप्तताओं और रिश्वतखोरी के पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है। यह गिरफ्तारी केंद्रीय जांच एजेंसियों के भीतर भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है।
पृष्ठभूमि:
यह मामला तब सामने आया जब खनन व्यवसायी ने सीबीआई से संपर्क किया और रिश्वत की मांग के बारे में शिकायत दर्ज कराई। बताया जा रहा है कि ईडी ने जनवरी 2025 में व्यवसायी से संबंधित 14 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद उसे ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसी दौरान कथित तौर पर रिश्वत की मांग की गई थी।
इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी से प्रवर्तन निदेशालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ सकते हैं और यह भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। आगे की जांच में इस मामले के और भी पहलुओं के उजागर होने की संभावना है।