by-Ravindra Sikarwar
नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन 2025 में भारत के आर्थिक भविष्य को लेकर एक आशावादी और महत्वाकांक्षी तस्वीर पेश की है। उन्होंने दृढ़ता से कहा है कि भारत अगले तीन दशकों तक विश्व की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा, जिसका लक्ष्य स्थिर कीमतों पर 8% की विकास दर हासिल करना है।
अभूतपूर्व विकास और भविष्य की योजनाएँ:
गुरुवार, 29 मई, 2025 को नई दिल्ली में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में गोयल ने भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत ने 6-7% की सतत विकास दर बनाए रखी है और इसे 8% तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने जोर दिया कि भारत वर्तमान में दुनिया में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार (लगभग 690 बिलियन डॉलर) रखता है, और पिछले तीन महीनों से मुद्रास्फीति 4% से नीचे बनी हुई है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के कुशल तरलता और मुद्रा प्रबंधन का प्रमाण है।
निवेश और व्यापार संबंधों पर बल:
गोयल ने भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पिछले 20-25 वर्षों में भारतीय कंपनियों ने लगभग 20% चक्रवृद्धि वार्षिक विकास दर (CAGR) रिटर्न दिया है, जिससे भारत एक अनिवार्य निवेश गंतव्य बन गया है। विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहा है।
मंत्री ने विभिन्न मुक्त व्यापार समझौतों (FTAs) में भारत की प्रगति पर भी चर्चा की, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात (UAE), ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम (UK) के साथ हुए समझौते शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका और 27-राष्ट्र यूरोपीय संघ ब्लॉक के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी तेजी से काम चल रहा है, और न्यूजीलैंड के साथ भी बातचीत शुरू की गई है। गोयल ने विशेष रूप से EFTA (आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड) देशों के साथ हुए समझौते का उल्लेख किया, जिसके तहत अगले 15 वर्षों में भारत में 100 बिलियन डॉलर के शुद्ध FDI निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है, जो कुल 500 बिलियन डॉलर के निवेश पारिस्थितिकी तंत्र को उत्प्रेरित कर सकता है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य छोटा नहीं है।”
तकनीक, समावेशी विकास और हरित ऊर्जा:
गोयल ने प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार एआई को बढ़ावा दे रही है और सीआईआई को लोगों, एमएसएमई और उद्योगों को कुशल बनाने, नियामक ढांचे को समझने और जिम्मेदार एआई अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
मंत्री ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि भंडारण के साथ नवीकरणीय ऊर्जा अब भारत में ₹3.30 प्रति किलोवाट घंटे की दर पर उपलब्ध है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे कम दरों में से एक है। उन्होंने कहा कि “सौर और पवन ऊर्जा के साथ भंडारण डेटा केंद्रों को भारत आने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।”
समावेशी विकास पर प्रकाश डालते हुए, गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने कहा कि मुफ्त स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बुनियादी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है, और रोजगार वृद्धि के साथ-साथ कौशल विकास केंद्र भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
निष्कर्ष:
गोयल ने अपने समापन भाषण में कहा कि भारत की विकास यात्रा तीन मजबूत स्तंभों पर आधारित है: मजबूत मैक्रोइकॉनॉमिक फंडामेंटल, विश्व भर में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में राष्ट्र का सम्मान, और 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाएँ। यह आशावादी दृष्टिकोण भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक उज्ज्वल मार्ग प्रशस्त करता है, जिसमें स्थिरता, विकास और वैश्विक भागीदारी पर जोर दिया गया है।