
छत्तीसगढ़। दुर्ग-भिलाई में चल रहे एक बड़े सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें बांग्लादेशी महिलाओं की संलिप्तता सामने आई है। राज्य विशेष कार्य बल (STF) ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए इस मामले में दो और महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इससे पहले, भिलाई के सुपेला क्षेत्र से भी तीन लोगों को पकड़ा गया था। इन सभी पर भारत में बिना किसी वैध दस्तावेज के अवैध रूप से रहने का आरोप है। यह कार्रवाई मोहन नगर थाना क्षेत्र में हुई, जहां एक सेक्स रैकेट के खुलासे के दौरान इन महिलाओं के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले।
सेक्स रैकेट से कैसे खुला बांग्लादेशी कनेक्शन?
मोहन नगर के जयंती नगर में एक दिन पहले हुए सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद पुलिस को एक आरोपी महिला के मोबाइल से इन दो महिलाओं के संपर्क नंबर मिले। प्रारंभिक पूछताछ में उन्होंने अपने नाम रानी पासवान और सपना शर्मा बताए। हालांकि, गहन जांच में उनकी असली पहचान उजागर हुई। रानी पासवान का वास्तविक नाम खुशबू बेगम (35 वर्ष) निकला, जबकि सपना शर्मा की पहचान सनाया नूर (30 वर्ष) के रूप में हुई। दोनों ही बांग्लादेश के जोरहाट जिले, दिनाजपुर की निवासी हैं।
फर्जी पहचान और दस्तावेजों का खुलासा
एसटीएफ प्रमुख सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि सनाया नूर पिछले आठ सालों से रायपुर के चंगोराभाठा में रह रही थी। उसने 2019 में फर्जी दस्तावेज बनवाकर खुद को भारतीय नागरिक साबित करने की कोशिश की थी। इसके लिए उसने अभय शर्मा नाम के व्यक्ति को अपना पति बताकर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज बनवाए थे। उसके मोबाइल डेटा की जांच से यह भी पता चला कि वह इंटरनेट कॉल के जरिए बांग्लादेश के कई नंबरों से लगातार संपर्क में थी।
वहीं, खुशबू बेगम ने पश्चिम बंगाल में अपना फर्जी आधार कार्ड बनवाया था। इसके अलावा, उसने एक फर्जी शादी के सहारे राशन कार्ड सहित अन्य सरकारी दस्तावेज भी हासिल कर लिए थे। यह दर्शाता है कि कैसे इन महिलाओं ने भारत में अवैध रूप से रहने और अपनी पहचान छिपाने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया।
मकान मालिकों पर भी होगी कार्रवाई
पुलिस अब उन मकान मालिकों को नोटिस जारी कर रही है, जिनके घरों में ये महिलाएं फर्जी पहचान के साथ रह रही थीं। यदि जांच में उनकी संलिप्तता या लापरवाही पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में, भिलाई के हरेराम प्रसाद के खिलाफ भी एक बांग्लादेशी नागरिक को शरण देने के लिए भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 61 के तहत कार्रवाई की गई थी।
अवैध रूप से शरण देने पर सख्त कानूनी प्रावधान
भारतीय कानून के तहत, बिना वैध दस्तावेज वाले किसी भी विदेशी नागरिक को शरण देना एक गंभीर अपराध है। BNS की धारा 61 के तहत इस अपराध के लिए तीन साल तक की जेल और दो से पांच लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। पुलिस ने किरायेदारों के सत्यापन के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें पुलिस वेरिफिकेशन, पंजीकृत किरायानामा और आईडी सत्यापन को अनिवार्य किया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अब तक गिरफ्तार किए गए आरोपी:
- रानी पासवान उर्फ खुशबू बेगम
- सपना शर्मा उर्फ सनाया नूर
- अंजलि सिंह उर्फ काकोली घोष उर्फ पन्ना बीबी
- ज्योति उर्फ शाहिदा खातून
- रासेल शेख (ज्योति उर्फ शाहिदा खातून का पति)